ए मेरी जोहराज़बीं-वक्त १९६५
हैं. कई लोगों का ऐसा मानना है राजकुमार को इस फिल्म से
पहचान मिली. जनता ऐसा लिखते समय शायद श्वेत श्याम
के ज़माने को भूल जाती है. कोई बात नहीं. सन १९६५ की
फिल्म वक्त से काफी लोगों की सेहत पर असर पढ़ा जिसमें इस
फिल्म के निर्देशक भी शामिल हैं.
इस फिल्म का मन्ना डे का गाया एक गीत बेहद चर्चित हुआ
और वो है परिवार में किसी कार्यक्रम के समय नायक द्वारा
गाया जा रहा है. इस गीत के बाद ही एक तूफ़ान आता है
जिसमें पूरा परिवार बिखर जाता है. कहते हैं तूफ़ान आने के
पहले एक अजीब शांति होती है. यहाँ संगीत है, कुछ चेंज है
जिस किस्म की तारीफ हो रही है गीत में वक पति अपनी
पत्नी की तारीफों के पुल बाँध रहा है. शादी शुदा लोग इस गीत
से इंस्पायर हो सकते हैं. ३ बच्चे होंबे के बाद भी ऐसा प्रेम
प्रदर्शन दुर्लभ ही है. राशन पानी की जुगाड में उलझ कर शायद
दम्पति एक दूसरे की भावनाओं की कद्र थोडा कम करते चलते
हैं और अपने गुण भी समय के साथ साथ भूल जाते हैं.
साहिर का लिखा ये गीत फिल्माया गया है बलराज साहनी पर
जो फिल्म में उनकी पत्नी बनी अचला सचदेव की तारीफ़ में इसे
गा रहे हैं. संगीत रवि ने तैयार किया है इस गीत का.
आपको इस गीत के साथ यू-ट्यूब पर एक चर्चित हस्ती जो काफी
साल से सक्रिय है –डॉक्टर के. चौधरी उनका गाया वर्ज़न भी साथ
सुनवायेंगे. एनथूसियास्म से भरपूर चौधरी का गाने का अंदाज़ भी
निराला है.
डॉक्टर चौधरी का वर्ज़न इधर है-क्लिक करें
गीत के बोल:
ए मेरी जोहराज़बीं तू अभी तक है हसीं
और मैं जवान
तुझपे कुर्बान मेरी जान मेरी जान
ये शोखियाँ ये बांकपन जो तुझमें है कहीं नहीं
दिलों को जीतने का फन जो तुझमें है कहीं नहीं
मैं तेरी, मैं तेरी आँखों में पा गया दो जहां
ए मेरी जोहराज़बीं तू अभी तक है हसीं
और मैं जवान
तुझपे कुर्बान मेरी जान मेरी जान
तू मीठे बोल जानेमन जो मुस्कुरा के बोल दे
तो धडकनों में आज भी शराबी रंग घोल दे
ओ सनम, ओ सनम मैं तेरा आशिक-ए-जाविदा
ए मेरी जोहराज़बीं तू अभी तक है हसीं
और मैं जवान
तुझपे कुर्बान मेरी जान मेरी जान
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Ae meri zohrajabeen-Waqt 1965
Artists-Balraj Sahni, Achal Sachdev
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