अरे क्या करूं क्या करूं-बॉम्बे ४०५ माइल्स १९८०
होता रहता है. पहले सवाल उठा करते थे, अब खड़े होते हैं.
टी वी के टीबी ग्रस्त चैनलों ने हमारी शब्दावली बदल दी है.
थोड़े दिन में झकास न्यूज़ भी देखने को मिलेगी. क्या करूं
शब्दों पर कई गीतों के मुखड़े हैं.
ब्रज सदाना की फिल्म बॉम्बे ४०५ माइल्स स्टारकास्ट के मामले
में थोड़ी अलग है विक्टोरिया नंबर २०३ से. उन्हें शायद अंकों का
गणित भा गया २ में २ जोड़े और ३ में २ जोड़े बन गयी ४०५
की संख्या. हर अंक में २ का इन्क्रीमेंट, शून्य को छोड़ के.
जीनत अमान पर फिल्माया गया ये भारत रत्न लता मंगेशकर
ने गाया है जिसे लिखा इन्दीवर ने, संगीत कल्याणजी आनंदजी
ने तैयार किया.
फिल्म से जनता को बहुत उम्मीदें थीं मगर फिल्म चली नहीं.
गीत का फिल्मांकन अलबत्ता बहुत बढ़िया है और हलके फुल्के
मनोरंजक गीतों में इसे शामिल कर सकते हैं.
गीत के बोल:
अरे क्या करूं क्या करूं समझ ना आये
दर्द जिगर का बढ़ता जाए, क्या किया जाए हाय
कोई नहीं मेरा यहाँ, कैसे है लोग कैसा जहां, कैसा जहां
अरे क्या करूं क्या करूं समझ ना आये
दर्द जिगर का बढ़ता जाए, क्या किया जाए हाय
कोई नहीं मेरा यहाँ, कैसे है लोग कैसा जहां, कैसा जहां
वो कौन है जिसने मुझे दर्द-ए-जिगर ऐसा दिया
दुश्मन है वो या दोस्त है, सपने दिए दिल ले लिया
अरे क्या करूं क्या करूं समझ ना आये
प्यार की प्यास में तन जला जाए, क्या किया जाए हाय
कोई नहीं मेरा यहाँ, कैसे है लोग कैसा जहां, कैसा जहां
हो कौन तुम क्यूँ हो खड़े रोके मेरा यूं रास्ता
महबूब तुम लगते नहीं तुमसे मेरा क्या वास्ता
अरे क्या करूं क्या करूं समझ ना आये
दर्द जिगर का बढ़ता जाए, क्या किया जाए हाय
कोई नहीं मेरा यहाँ, कैसे है लोग कैसा जहां, कैसा जहां
अरे क्या करूं क्या करूं समझ ना आये
दर्द जिगर का बढ़ता जाए, क्या किया जाए हाय
कोई नहीं मेरा यहाँ, कैसे है लोग कैसा जहां, कैसा जहां
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Kya karoon kya karoon-Bombay 405 Miles 1980
Artists-Shatrughan Sinha, Vinod Khanna, Zeenat Aman
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