Jun 15, 2016

ओ भोले बालमा-पूनम १९५२

श्वेत श्याम के युग को सुनहरा दौर कहा जाता है क्या इसलिए
कि ब्लैक एंड व्हाईट फिल्मों की रीलों में चांदी ज्यादा प्रयोग
होती थी? नहीं, वजह बहुत सी हैं. उस समय कलाकारी अपने
उच्च स्टार पर थी चाहे वो अभिनय हो, संगीत हो या फिल्माने
के तरीके. तकनीकी विकास तो बाद में बहुत हुए मगर उसके
साथ साथ तकनीक कलाकारी पर हावी होती गई.

आज सुनते हैं फिल्म पूनम से एक गीत कामिनी कौशल पर
फिल्माया गया था और इस गीत में अशोक कुमार भी दिखाई
दे रहे हैं जिनका काम केवल चहल कदमी तक सीमित है. ये
गीत लिखा है शैलेन्द्र ने और पूनम फिल्म के इस गीत के
संगीतकार हैं शंकर जयकिशन. एक अच्छा नृत्य गीत है जिसमें
एकोर्डियन का सुन्दर प्रयोग है.



गीत के बोल:

ओ भोले बालमा, ओ मोरे साजना,
घूंघर बाजे छुन छुन, डूंगर बाजे दुम दुम

कहती है बहार मेरे फूलो को देख,
बागों मे डालियो पे झूलो को देख,
कहती है बहार मेरे फूलो को देख,
बागों मे डालियो पे झूलो को देख
उड़े उड़े बादलो को गले लगा के
झूमे ये आसमान, घूमे ये आसमान,
आ आ आ आ आ आ
घूंघर बाजे छुन छुन

ओ भोले बालमा, ओ मोरे साजना,
घूंघर बाजे छुन छुन, डूंगर बाजे दुम दुम

अम्बुवा की ड़ाल पे कोयल का शोर,
अम्बुवा की ड़ाल पे कोयल का शोर,
सपनो की छांव मे नाचे मनमोर
सपनो की छांव मे नाचे मनमोर
भोली भाली तेरी छबि नैनो मे ला के,
डोले ये दिल जवान, बोले ये दिल जवान,
घूंघर बाजे छुन छुन

ओ भोले बालमा, ओ मोरे साजना,
घूंघर बाजे छुन छुन, डूंगर बाजे दुम दुम

ऐसे मे अखियां भी बोलने लगी,
हस-हस के राज़ दिल के खोलने लगी
आते जाते छेदती है चंचल हवा,
बैरी तेरे बिना, सूना है ये सामान,
घूंघर बाजे छुन छुन

ओ भोले बालमा, ओ मोरे साजना,
घूंघर बाजे छुन छुन, डूंगर बाजे दुम दुम
……………………………………………………….
O Bhole balma-Poonam 1952

Artists-Kamini Kaushal, Ashok Kumar

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