Jun 22, 2016

आँखों आँखों में हर एक रात-मार्वल मैन १९६४

गुमनाम फिल्मों और अनजान कलाकारों के चर्चे आगे बढ़ाते
हुए एक गीत सुनते हैं सन १९६४ की फिल्म मार्वल मैन से.
रोबिन बैनर्जी के संगीत से सजी इस फिल्म में महेश कुमार,
शकीला बानो भोपाली, राजन कपूर, धनराज और पोल्सन ने
काम किया. उसके अलावा और भी रहे होंगे कई ऐसे कलाकार
जिन्हें हम नहीं पहचानते हैं.

इंडो-अफ्रिका प्रोडक्शंस बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन
बी जे पटेल साहब ने किया था.

प्रस्तुत गीत योगेश का लिखा हुआ है और इसे गाया है एक
प्रतिभावान मगर कम अवसर प्राप्त गायिका मुबारक बेगम ने.
योगेश ने भी सरल शब्दों के जमावड़े में विश्वास रखा और यूँ
रखा कि उन्हें ज्यादा लच्छों और तुकबंदियों की ज़रूरत नहीं
पड़ी. सारा खेल शब्दों की जमावट का है, शब्द वही होते हैं
मगर तरीके बदल जाते हैं. कहीं ये भाषण हो जाते हैं तो कहीं
प्रवचन.   



गीत के बोल:

आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
तुम नहीं आते हो तो याद भी क्यों आती है
आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है

हम खयालों में बुला लेते हैं अक्सर तुमको
हम खयालों में बुला लेते हैं अक्सर तुमको
जब तबियत ज़रा तन्हाई से घबराती है
जब तबियत ज़रा तन्हाई से घबराती है

आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है

हर इक आहट पे यूँ हम चौंक उठा करते हैं
हर इक आहट पे यूँ हम चौंक उठा करते हैं
जिस तरह बिजली घटाओं में चमक जाती है
तुम नहीं आते हो तो याद भी क्यों आती है

आँखों आँखों में हर इक रात गुज़र जाती है
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Ankhon ankhon mein hare k raat-Marvel Man 1964

Artist-Shakeela Bano Bhopali

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