Jul 27, 2016

आ आ भी जा-तीसरी कसम १९६६

इस गीत के शुरुआती बोल शैलेन्द्र ने फिल्म मधुमती
के एक गीत में भी डाले थे-मुबारक बेगम के गाये गीत
में.

रहेगा इश्क तेरा ख़ाक में मिला के मुझे
हुए हैं इब्तदा में रंज इन्तेहा के मुझे

क्या मालूम था ये फिल्म शैलेन्द्र के जीवन का सबसे बड़ा
दुःख बन जायेगी. जैसे बोल हैं इस गीत के उससे ऐसा
मालूम पढता है कि नियति अपना संकेत दे रही थी समय
से पहले. इस गीत का ही एक अन्तरा है.

सितारों ने मुंह फेर कर
कहा अलविदा हमसफ़र
चला कारवां अब चला

कहते हैं बहाने बनते हैं किसी घटना के घटित होने के समय.
अंतर केवल बहानों के प्रकार पर पढ़ जाता है. शैलेन्द्र को ना
तो दोस्ती रास आई ना ही रिश्तेदारी. इस फिल्म के निर्माण
के समय हुए अनुभवों ने उन्हें इस नश्वर संसार में दिलचस्पी
लगभग खत्म कर दी. हिंदी फिल्म सिने़मा इतिहास ऐसी कई
दुखद और क्रूर कहानियों को समेटे हुए है जिनको देख/पढ़
और समझ कर आत्मा काँप उठती है.

गीत वहीदा रहमान पर फिल्माया गया है जिसे लता मंगेशकर
ने गाया शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में.




गीत के बोल:

आ आ भी जा
रात ढलने लगी चाँद छुपने चल
आ आ भी जा
रात ढलने लगी हो ओ ओ ओ
चाँद छुपने चल 
हो ओ ओ आ आ भी जा

तेरी याद में बेखबर
शमा की तरह रात भर
तेरी याद में बेखबर
शमा की तरह रात भर
जली आरज़ू दिल जला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी चाँद छुपने चला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी चाँद छुपने चला
हो ओ ओ आ आ भी जा

सितारों ने मुंह फेर कर
कहा अलविदा हमसफ़र
चला कारवां अब चला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी हो ओ ओ ओ
चाँद छुपने चला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी चाँद छुपने चला
हो ओ ओ आ आ भी जा

उफक पर खड़ी है सहर
अँधेरा है दिल में इधर
उफक पर खड़ी है सहर
हो अँधेरा है दिल में इधर
वही रोज का सिलसिला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी चाँद छुपने चला
आ आ भी जा
रात ढलने लगी हो ओ ओ ओ
चाँद छुपने चला
हो ओ ओ आ आ भी जा
..........................................................
Aa aa aa bhi ja-Teesri Kasam 1966

Artist: Waheeda Rehman

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