बेचैन दिल खोयी सी नज़र-यहूदी १९५८
पुरानी फिल्म यहूदी से एक मधुर गीत सुनते हैं लता मंगेशकर
की सुरीली और गीता दत्त की दिलकश आवाजों में. चाँद और
याद आने के बहानों का अनूठा उल्लेख मिलेगा इसमें आपको.
लता के ५० के दशक के गीत सुनने के बाद ये निर्णय करना
कठिन हो जाता है कि शंकर जयकिशन ने बेहतर धुनें बनायीं
लता के लिए या सी रामचंद्र ने बेंतर बनायीं. मेरे हिसाब से
दोनों ने अपनी अपनी जगह बेहतर धुनें बनायीं. संगीतकारों की
स्टाइल अलग अलग होती है इसलिए एक पैमाने पर दो अलग
अलग चीज़ों को मापना आसान काम नहीं है.
यहूदी फिल्म के इस गीत की रचना की शैलेन्द्र ने. यहूदी फिल्म
में शैलेन्द्र के लिखे हुए ६ गीत हैं और हसरत जयपुरी का लिखा
एक. प्रस्तुत गीत हेलन और कुक्कू पर फिल्माया गया है. गीत
में आपको मूली खाती मीनू मुमताज़ भी दिखाई दे जाएँगी.
गीत के बोल:
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
दिल नहीं पहलू में रह गईं दो आँखें
दिल नहीं पहलू में रह गईं दो आँखें
जाने क्या-क्या हमसे कह गईं दो आँखें
जाने क्या-क्या हमसे कह गईं दो आँखें
जाने क्या-क्या हमसे कह गईं दो आँखें
सुनसान रातों में अक्सर
जब चाँद पे जाती है नज़र
तुम याद आते हो
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
दिल तो दीवाना था हम भी क्या कर बैठे
दिल तो दीवाना था हम भी क्या कर बैठे
मर्ज़ जाने क्या था क्या दवा कर बैठे
मर्ज़ जाने क्या था क्या दवा कर बैठे
मर्ज़ जाने क्या था क्या दवा कर बैठे
इक आह ठंडी सी भर कर
उनसे कोई कह दे जा कर
तुम याद आते हो
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
हम तो ये समझे थे ख़त्म है अफ़साना
हम तो ये समझे थे ख़त्म है अफ़साना
उठ चुकी है महफ़िल रह गया वीराना
उठ चुकी है महफ़िल रह गया वीराना
उठ चुकी है महफ़िल रह गया वीराना
हमको न थी लेकिन ये ख़बर
ख़ुद हम कहेंगे रह-रह कर
तुम याद आते हो..
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
बेचैन दिल खोयी सी नज़र
तन्हाइयों में शाम-ओ-सहर
तुम याद आते हो
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Bechain dil khoyi si nazar-Yahudi 1958
Artists: Helen, Cuckoo
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