Jul 24, 2016

चले जा रहे हैं मोहब्बत के मारे-किनारे किनारे १९६३

कुछ अनयूजुअल कास्टिंग भी देखने को मिली है हिंदी
फिल्मों में. अनयूजुअल-दर्शकों के हिसाब से. देव आनंद
को मीना कुमारी के साथ आपने शायद ही किसी फिल्म
में देखा होगा. देव आनंद के साथ बहुत सा अनयूजुअल
सा है जिस पर चर्चा करेंगे उनकी ९० के दशक की किसी
फिल्म के गीत सुनवाते वक्त. 

फिल्म किनारे किनारे संगीतकार जयदेव और गीतकार
न्याय शर्मा की जुगलबंदी से निर्मित हुआ एक खूबसूरत
फूलों का गुलदस्ता है जिसमें भाँति भाँति के फूल पिरोये
हुए हैं करीने से. फिल्म में लगभग सभी प्रमुख गायकों
के गाये गीत हैं. देव आनंद के मुरीदों को शायद एक बात
पर अफ़सोस हो-इसमें किशोर का गाया एक भी गीत नहीं
है. गौरतलब है ये ६४ की फिल्म है.

किशोर कुमार ६० के दशक में उतने सक्रिय नहीं रहे.
सन १९६३ में किशोर के केवल चार गाने सुनने को मिले
फिल्म एक राज़ में जिसमें उन्होंने अभिनय भी किया था.
एक राज़ के गीत काफी चर्चित हैं, विशेषकर “पायलवाली
देखना”. इस फिल्म में संगीत चित्रगुप्त ने दिया है.
बावजूद इसके किशोर के सन १९६४ में २३ गीत आये ६
फिल्मों के लिए. संगीतकार हंसराज बहल तक ने एक
गीत गवा लिया किशोर से फिल्म एक दिन का बादशाह
के लिए. जयदेव ने फिल्म हम दोनों में भी देव आनंद
के लिए रफ़ी की आवाज़ चुनी थी. इधर एक बात गौर
करने लायक है प्रस्तुत गीत मन्ना डे का गाया हुआ है.



गीत के बोल:

चले जा रहे हैं मोहब्बत के मारे
किनारे किनारे किनारे किनारे
चले जा रहे हैं मोहब्बत के मारे
किनारे किनारे किनारे किनारे
चले जा रहे हैं

ना साहिल की परवाह
ना तूफ़ान का डर है
न ज़ुल्मों का शिकवा
ना गम का असर है
ना साहिल की परवाह
ना तूफ़ान का डर है
न ज़ुल्मों का शिकवा
ना गम का असर है
उम्मीदों के पल पल दिलों के सहारे
चले जा रहे हैं किनारे किनारे
चले जा रहे हैं

तमन्ना यही है के लहरों से खेलें
नसीबों की गर्दिश को
हंसी हंस के झेले
तमन्ना यही है के लहरों से खेलें
नसीबों की गर्दिश को
हंसी हंस के झेले
उमंगों की राहों में बिछा के सितारे
चले जा रहे हैं किनारे किनारे
चले जा रहे हैं
....................................................................
Chale ja rahe hain-Kinare kinare 1963

Artist: Dev Anand, Meena Kumari

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