हम हैं नशे में-सेहरा १९६३
इधर. एक बार का प्रसंग है चर्चा हुई थी इसी बात पर-ये
उत्तम गुणवत्ता क्या होती है, शराब शराब है. हाँ, एक जवाब
आया. जैसे देसी ठर्रे और विलायती ठर्रे में कोई फर्क नहीं
वैसे ही सब चीजें बराबर है.
विलायती पीने वाले ब्लेंड का महत्त्व जानते हैं. कहा जाता है
शराब जितनी पुरानी होती जाती है उतनी असरदार होती जाती
है. ब्लेंडिंग मतलब स्वादिष्ट मिलावट. दो किस्म की शराबों को
मिला कर स्वाद बढाया जाता है.
गीत सुनते हैं फिल्म सेहरा से जिसे आशा भोंसले से गवाया
है संगीतकार ने. गीत के बोल लिखे हैं हसरत जयपुरी ने.
आशा भोंसले की गायकी और संध्या के नृत्य की कोई होड
नहीं है, इस गीत को देखने के बाद आप दांतों तले ऊँगली
दबा लेंगे.
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ हा
आ आ आ आ आ आ हा
हम हैं नशे में तुम हो नशे में
तुम हो नशे में
आँखें मिलीं हैं उसी का नशा है
आँखें मिलीं हैं उसी का नशा है
हम हैं नशे में तुम हो नशे में
ओ हो हो हो
आँखें मिलीं हैं उसी का नशा है
हम हैं नशे में
हो कल रात देखा था अलबेला सपना
कल रात देखा था अलबेला सपना
मन चाहे बालम को पाया था अपना
फिर मैं न सोयी, फिर
फिर मैं न सोयी सपनों में खोयी
सपनों में खोयी
आहें भरीं हैं उसी का नशा है
आहें भरीं हैं उसी का नशा है
हम हैं नशे में
हो हो हो हो
हम हैं नशे में
हाय नशा प्यार का है उमर भर रहेगा
नशा प्यार का है उमर भर रहेगा
उल्फ़त के मौजों में ये दिल बहेगा
मैं बन के नदिया
मैं बन के नदिया लहरा रही हूँ
लहरा रही हूँ
लहरें उठीं हैं उसी का नशा है
लहरें उठीं हैं उसी का नशा है
हम हैं नशे में
हो हो हो हो
हम हैं नशे में तुम हो नशे में
तुम हो नशे में
आँखें मिलीं हैं उसी का नशा है
हम हैं नशे में
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Ham hain nashe mein-Sehra 1963
Artist: Sandhya
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