कुछ शेर सुनाता हूँ मैं-एक दिल सौ अफ़साने १९६३
खूबसूरत बन पड़ते हैं. एक ऐसा गीत है एक दिल सौ अफ़साने
फिल्म से जो १९६३ में आई थी. राज कपूर और वहीदा रहमन
की जोड़ी है इसमें. इसके अलावा इस जोड़ी को हम नजराना में
भी देख चुके हैं.
गीत हसरत का है और संगीतमय हसरतों को पूरा किया है जोड़ी
शंकर-जयकिशन ने.
मुकेश के गाये सबसे मधुर और सबसे बढ़िया गीतों की बात करें
तो इस गीत को जिक्र भी होना चाहिए.
गीत के बोल:
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
सीखी है तुमसे फूल ने
हँसने की हर अदा
सीखी हवा ने तुमसे ही
चलने की हर अदा
आईना तुमको देख के
हैरान हो गया
इक बेज़ुबान तुमसे
पशेमान हो गया
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
हाथों का लोच रस भरी
शाखों की दास्तां
नाज़ुक हथेलियों पे वो
मेहंदी का गुल्सिताँ
पड़ जाये तुमपे धूप तो
संवलाये गोरा तन
मखमल पे तुम चलो तो
छिले पांव गुलबदन
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
आँखें अगर झुकें तो
मोहब्बत मचल उठे
नज़रें अगर उठें तो
क़यामत मचल उठे
अंदाज़ में हुज़ूर का
सानी नहीं कोई
दोनों जहां में ऐसी
जवानी नहीं कोई
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
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Kuchh sher sonata hoon main-Ek dil sau afsaane 1963
Waheeda Rahman, Raj Kapoor
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