Jul 17, 2016

हमदम मेरे खेल ना जानो-फिर वही दिल लाया हूँ १९६३

प्रस्तुत गीत एक मुसाफिर एक हसीना के गीतों का एक्सटेंशन
सा सुनाई पड़ता है. ये है मगर दूसरी फिल्म से जिसका नाम
है-फिर वही दिल लाया हूँ. एक जैसे सुनाई पढ़ने की जाहिर
वजह भी है-दों फिल्मों में संगीत ओ पी नैयर का है. गीत
एक बढ़िया शेर से शुरू होता है उसके बाद आता है टाइगर
फिर शुरू होता है असल गीत. होने को ये गीत इन बोलों से
भी मशहूर हो सकता था-नाजनीन बड़ा रंगीन है वादा तेरा. ये
गीत मगर जिन बोलों से पहचाना जाना था उन्हीं से पहचाना
जाता है.

मजरूह के लिखे गीत को जॉय मुखर्जी और आशा पारेख पर
फिल्माया गया है और रफ़ी-आशा ने इसे गाया है.



गीत के बोल:

दूर बहुत मत जाइये ले के क़रार हमारा
ऐसा न हो कोई लूट ले राह में प्यार हमारा

पास रहो या दूर तुम तुम हो साथ हमारे
देंगे गवाही पूछ लो ये ख़ामोश नज़ारे

नाज़नीं बड़ा रँगीं है वादा तेरा
ओ हसीं है किधर का इरादा तेरा
नाज़नीं बड़ा रँगीं है वादा तेरा
ओ हसीं है किधर का इरादा तेरा
आँख मुड़ती हुई ज़ुल्फ़ उड़ती हुई
फ़ासला क्यों है ज़्यादा तेरा
हमदम मेरे खेल न जानो चाहत के इक़रार को
जाने-जहाँ याद करोगे इक दिन मेरे प्यार को

छाये हो मेरे दिल पे नज़र पे तुम्हीं
आज तो मेरी उल्फ़त का कर लो यकीं
ए जी हमसे तुम्हें एक लगावट तो है
तुम्हें हमसे मुहब्बत नहीं

हमसफ़र तू ही मेरा है लेकिन सनम
साथ में हैं किसी अजनबी के कदम
हमसफ़र तू ही मेरा है लेकिन सनम
साथ में हैं किसी अजनबी के कदम
मेरी उलझन यूँ ही बेसबब तो नहीं
दिल की बेताबियों की कसम

हमदम मेरे खेल न जानो चाहत के इक़रार को
जाने-जहाँ याद करोगे इक दिन मेरे प्यार को
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Hamdam mere khel na jaano-Phir wahi dil laya hoon 1963

Artists:Joy Mukherjee, Asha Parekh

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