Jul 29, 2016

जब तुम ही नहीं अपने-परवाना १९४७

सुरैया का गाया हुआ एक मधुर गीत सुनते हैं फिल्म परवाना से.
ये सन १९४७ की फिल्म है जिस साल हमारे देश को आजादी
मिली थी.

खुर्शीद अनवर आजादी के बाद पाकिस्तान चले गए और वहाँ
की फिल्मों में संगीत देने लगे. विभाजन के पूर्व वे बॉलीवुड
की फिल्मों में संगीत दिया करते थे, तब फिल्म उद्योग भी एक
ही था. वे काफी प्रतिभाशाली संगीतकार थे. उन्होंने भी सभी
गायकों के लिए उल्लेखनीय धुनें बनायीं.

प्रस्तुत गीत डी एन मधोक ने लिखा था. फिल्म परवाना का
निर्देशन जे के नंदा ने किया था. जीत प्रोडक्शंस नाम संस्था ने
इसका निर्माण किया. इस फिल्म में सहगल और सुरैया प्रमुख
कलाकार हैं.





गीत के बोल:

जब तुम ही नहीं अपने
दुनिया ही बेगानी है
जब तुम ही नहीं अपने
दुनिया ही बेगानी है
उल्फ़त जिसे कहते हैं
इक झूठी कहानी है
उल्फ़त जिसे कहते हैं
इक झूठी कहानी है

जाते हुए क्यों तुमको
इस दिल का खयाल आता
जाते हुए क्यों तुमको
इस दिल का खयाल आता
तड़पा के चले जाना
इक रीत पुरानी है
तड़पा के चले जाना
इक रीत पुरानी है

जब तुम ही नहीं अपने
दुनिया ही बेगानी है

परवाने के जलने पे
हँसना न तमाशाई
परवाने के जलने पे
हँसना न तमाशाई
हँसती हुई शमा भी
इक रात की रानी है
हँसती हुई शमा भी
इक रात की रानी है

जब तुम ही नहीं अपने
दुनिया ही बेगानी है
.................................................................
Jab tumhin nahin apne-Parwana 1947


Artist: Suraiya

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP