Showing posts with label Ek dil sau afsaane. Show all posts
Showing posts with label Ek dil sau afsaane. Show all posts

Dec 18, 2019

तुम ही तुम हो-एक दिल सौ अफ़साने १९६३

फिल्म का शीर्षक किसी कहावत जैसा लगता है, जैसे
एक अनार सौ बीमार. किसी फिल्म में जिसमें रोमांटिक
गीत हों, पारिवारिक मसले हों, उसका शीर्षक ऐसा हो तो
बिना फिल्म देखे समझना मुश्किल है कि ये वाकई सौ
अफ़साने और एक दिल की कहानी है या एक प्रोड्यूसर
और सौ डिस्ट्रीब्यूटर की.

सुनते हैं फिल्म से एक गीत लता और रफ़ी का गाया हुआ.
शैलेन्द्र के बोल हैं और शंकर जयकिशन का संगीत.

राज कपूर और वहीदा रहमान पर इसे फिल्माया गया है.
गौरतलब है राज कपूर के लिए इस गीत में रफ़ी की
आवाज़ प्रयोग में लायी गयी है. ये करिश्मा संगीतकार रवि
के संगीत निर्देशन वाली फिल्म नज़राना में भी है.


गीत के बोल:

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुम मिले मुझे नया जहान मिल गया
झूमती जमीं को आसमान मिल गया

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
हाय तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुमसे दिल का चैन है तुम्हीं से है करार
तुम न रूठना के रूठ जायेगी बहार

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुम हो मेरे कौन ज़िन्दगी है क्यूँ हसीन
सुन लो मेरी धड़कनें तो आयेगा यकीन

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
…………………………………………
Tum hi tum ho-Ek dil sau afsane 1963

Artists: Raj Kapoor, Waheeda Rehman

Read more...

Jul 13, 2016

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं-एक दिल सौ अफ़साने १९६३

जिन गीतों में लॉयन, टाइगर वगैरह का जिक्र होता है वे काफ़ी
खूबसूरत बन पड़ते हैं. एक ऐसा गीत है एक दिल सौ अफ़साने
फिल्म से जो १९६३ में आई थी. राज कपूर और वहीदा रहमन
की जोड़ी है इसमें. इसके अलावा इस जोड़ी को हम नजराना में
भी देख चुके हैं.

गीत हसरत का है और संगीतमय हसरतों को पूरा किया है जोड़ी
शंकर-जयकिशन ने.

मुकेश के गाये सबसे मधुर और सबसे बढ़िया गीतों की बात करें
तो इस गीत को जिक्र भी होना चाहिए.





गीत के बोल:

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है

सीखी है तुमसे फूल ने
हँसने की हर अदा
सीखी हवा ने तुमसे ही
चलने की हर अदा
आईना तुमको देख के
हैरान हो गया
इक बेज़ुबान तुमसे
पशेमान हो गया
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है

हाथों का लोच रस भरी
शाखों की दास्तां
नाज़ुक हथेलियों पे वो
मेहंदी का गुल्सिताँ
पड़ जाये तुमपे धूप तो
संवलाये गोरा तन
मखमल पे तुम चलो तो
छिले पांव गुलबदन
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है

आँखें अगर झुकें तो
मोहब्बत मचल उठे
नज़रें अगर उठें तो
क़यामत मचल उठे
अंदाज़ में हुज़ूर का
सानी नहीं कोई
दोनों जहां में ऐसी
जवानी नहीं कोई
कितनी भी तारीफ़ करूँ
रुकती नहीं ज़ुबान
रुकती नहीं ज़ुबान

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं
जो तुझसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
इक हुस्न परी दिल में है
ये उनसे मुखातिब है
.................................................................
Kuchh sher sonata hoon main-Ek dil sau afsaane 1963

Waheeda Rahman, Raj Kapoor

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP