तुम ही तुम हो-एक दिल सौ अफ़साने १९६३
एक अनार सौ बीमार. किसी फिल्म में जिसमें रोमांटिक
गीत हों, पारिवारिक मसले हों, उसका शीर्षक ऐसा हो तो
बिना फिल्म देखे समझना मुश्किल है कि ये वाकई सौ
अफ़साने और एक दिल की कहानी है या एक प्रोड्यूसर
और सौ डिस्ट्रीब्यूटर की.
सुनते हैं फिल्म से एक गीत लता और रफ़ी का गाया हुआ.
शैलेन्द्र के बोल हैं और शंकर जयकिशन का संगीत.
राज कपूर और वहीदा रहमान पर इसे फिल्माया गया है.
गौरतलब है राज कपूर के लिए इस गीत में रफ़ी की
आवाज़ प्रयोग में लायी गयी है. ये करिश्मा संगीतकार रवि
के संगीत निर्देशन वाली फिल्म नज़राना में भी है.
गीत के बोल:
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुम मिले मुझे नया जहान मिल गया
झूमती जमीं को आसमान मिल गया
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
हाय तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुमसे दिल का चैन है तुम्हीं से है करार
तुम न रूठना के रूठ जायेगी बहार
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुम हो मेरे कौन ज़िन्दगी है क्यूँ हसीन
सुन लो मेरी धड़कनें तो आयेगा यकीन
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
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Tum hi tum ho-Ek dil sau afsane 1963
Artists: Raj Kapoor, Waheeda Rehman