जिंदगी देने वाले सुन-दिल-ए-नादान १९५३
आ रहे हैं कुछ दिन से. पहले मुझे लगा कि नौशाद का संगीत
याद आ रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है.
आज आपको सुनवाते हैं तलत महमूद की मखमली आवाज़ में
एक गीत. अब आप ये मत पूछिए कि हम तलत की आवाज़ को
हमेशा मखमली क्यूँ कहते हैं. हमने कहीं भी उनकी आवाज़ का
जिक्र रेशमी या कुछ और नहीं सुना इसलिए.
प्रस्तुत गीत गुलाम मोहम्मद ने बहुत फुरसत से तैयार किया
होगा. सुन के आपको भी यकीन हो जायेगा.
फिल्म सन १९५३ में रिलीज़ हुई थी जिसके प्रमुख कलाकार है
तलत महमूद, श्यामा, एस एन बैनर्जी, श्याम कुमार और कई
ऐसे कलाकार जिनके नाम आप पहचानते नहीं हैं अगर आप
उस युग की फिल्मों के शौक़ीन नहीं है.
गीत के बोल:
जिंदगी देने वाले सुन
तेरी दुनिया से दिल भर गया
मैं यहाँ जीते जी मर गया
रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं
जख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
आँख वीरान है दिल परेशान है
गम का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया
बे-ख़ता तूने मुझ से खुशी छीन ली
ज़िंदा रखा मगर जिंदगी छीन ली
कर दिया दिल का खून
चूप कहा तक रहूँ
साफ़ क्यों ना कहूँ तू ख़ुशी से मेरी डर गया
……………………………………………………
Zindagi dene wale sun-Dil-e-nadaan 1953
0 comments:
Post a Comment