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Oct 21, 2019

जो खुशी से चोट खाये-दिल-ए-नादान १९५३

शकील बदायूनीं की ही लिखी एक और रचना
सुनते हैं. उम्दा किस्म की कविता और शायरी
सुन लो तो दिल गार्डन गार्डन हो जाता है और
फिर एक सिलसिला सा शुरू हो जाता है बढ़िया
संगीत के टुकड़ों को सुनने और आनंद लेने का.

ये है तलत महमूद की आवाज़ में सन १९५३ की
फिल्म दिल-ए-नादान का गीत जिसे संगीतबद्ध
किया है गुलाम मोहम्मद ने.




गीत के बोल:

तेरी खातिर सितम दिल पे गवारा कर लिया मैंने
कहा किसने मुहब्बत से किनारा कर लिया मैंने

जो खुशी से चोट खाये
वो जिगर कहाँ से लाऊं
वो जिगर कहाँ से लाऊं
किसी और को जो देखे
वो नजर कहाँ से लाऊं
वो नजर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये

मुझे तेरी आरज़ू है
मेरे दिल में तू ही तू है
मेरे दिल में तू ही तू है
बसे गैर जिसमें आ कर
मैं वो घर कहाँ से लाऊं
मैं वो घर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये

तेरी बेरुखी पे सदके
तेरी हर अदा पे कुर्बां
तेरी हर अदा पे कुर्बां
करे और को जो सजदे
मैं वो सर कहाँ से लाऊं
मैं वो सर कहाँ से लाऊं

जो खुशी से चोट खाये
वो जिगर कहाँ से लाऊं
वो जिगर कहाँ से लाऊं
जो खुशी से चोट खाये
…………………………………………………
Jo khushi se chot kha le-Dil-e-nadaan 1953

Artist: Talat Mehmood

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Nov 1, 2016

चांदनी रात में एक बार तुझे-दिल-ए-नादान १९८२

एक दिल-ए-नादान का हाल-ए-बयां  था शकील बदायूनीं का
और एक है नक्श लायलपुरी का. पहले वाला १९५३ में आया
था, दूसरा १९८२ में अवतरित हुआ.

ये है राजेश खन्ना और जया प्रदा अभिनीत फिल्म से एक
मधुर युगल गीत किशोर और लता का गाया हुआ. इसके
संगीतकार हैं खय्याम.

यू ट्यूब पर कई कौवे उड़ाने वाली स्टाइल के गायन वाली
क्लिप भी हैं. इसी गाने का एक वर्ज़न है इधर क्लिक करें.





गीत के बोल:


चाँदनी रात में
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
ख़ुद पे इतराते हुए ख़ुद से शर्माते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

नीले अम्बर पे कहीँ झूले में
सात रँगों के हसीन झूले में
नाज़-ओ-अंदाज़ से
नाज़-ओ-अंदाज़ से लहराते हुए
ख़ुद पे इतराते हुए ख़ुद से शर्माते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

जागती थी ले के साहिल पे कहीं
ले के हाथों में कोई साज़-ए-हसीं
एक रँगीन ग़ज़ल
एक रँगीन ग़ज़ल गाते हुए
फूल बरसाते हुए प्यार छलकाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

खुल के बिखरे जो महकते गेसू
घुल गई जैसे हवा में ख़ुशबू
मेरी हर साँस को
मेरी हर साँस को महकाते हुए
ख़ुद पे इतराते हुए ख़ुद से शर्माते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

तूने चहरे पे झुकाया चेहरा
मैंने हाथों से छुपाया चेहरा
लाज से शर्म से
लाज से शर्म से घबराते हुए
फूल बरसाते हुए प्यार छलकाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
एक बार तुझे देखा है
चाँदनी रात में
.......................................................................
Chandni raat mein ek baar tujhe-Dil-e-nadaan 1982

Artists: Rajesh Khanna, Jaya Prada

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Jul 27, 2016

जिंदगी देने वाले सुन-दिल-ए-नादान १९५३

कुछ अजीब सी बात है कारदार की फिल्मों के गीत काफी याद
आ रहे हैं कुछ दिन से. पहले मुझे लगा कि नौशाद का संगीत
याद आ रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है.

आज आपको सुनवाते हैं तलत महमूद की मखमली आवाज़ में
एक गीत. अब आप ये मत पूछिए कि हम तलत की आवाज़ को
हमेशा मखमली क्यूँ कहते हैं. हमने कहीं भी उनकी आवाज़ का
जिक्र रेशमी या कुछ और नहीं सुना इसलिए.

प्रस्तुत गीत गुलाम मोहम्मद ने बहुत फुरसत से तैयार किया
होगा. सुन के आपको भी यकीन हो जायेगा.

फिल्म सन १९५३ में रिलीज़ हुई थी जिसके प्रमुख कलाकार है
तलत महमूद, श्यामा, एस एन बैनर्जी, श्याम कुमार और कई
ऐसे कलाकार जिनके नाम आप पहचानते नहीं हैं अगर आप
उस युग की फिल्मों के शौक़ीन नहीं है.




गीत के बोल:

जिंदगी देने वाले सुन
तेरी दुनिया से दिल भर गया
मैं यहाँ जीते जी मर गया

रात कटती नहीं दिन गुजरता नहीं
जख्म ऐसा दिया है के भरता नहीं
आँख वीरान है दिल परेशान है
गम का सामान है
जैसे जादू कोई कर गया

बे-ख़ता तूने मुझ से खुशी छीन ली
ज़िंदा रखा मगर जिंदगी छीन ली
कर दिया दिल का खून
चूप कहा तक रहूँ
साफ़ क्यों ना कहूँ तू ख़ुशी से मेरी डर गया
……………………………………………………
Zindagi dene wale sun-Dil-e-nadaan 1953

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