जवानी बार बार नहीं आये-तांगेवाला १९७२
में नौशाद का संगीत है जिन्होंने समय की कदम-ताल के साथ
अपना संगीत भी बदला.
मजरूह सुल्तानपुरी ने नौशाद के लिए शाहजहाँ के लिए गीत
लिखे थे १९४६ में. उसके काफी समय बाद फिल्म साथी के
बाद दोनों फिर से साथ में आये.
मुमताज़ पर फिल्माया गया ये गीत लता ने गाया है. एक बढ़िया
तेज ताल वाला गीत है जिस पर नाचने का मन करता है.
गीत के बोल:
जवानी बार बार नहीं आये
जवानी बार बार नहीं आये
बेदर्दा अब तो नज़र मिला ले
जवानी बार बार नहीं आये
जवानी हाले डोले
हाले डोले प्यार का जादू
झूम के नैना दाल दे बाबू हाय
जवानी बार बार नहीं आये
बेदर्दा अब तो नज़र मिला ले
जवानी एक मौज का नाम
के जिसमें नहीं होश का काम
जवानी एक मौज का नाम
के जिसमें नहीं होश का काम
सोच रहा है क्या मतवाले
आज तो लुट जा ऐ दिल वाले
अरे दीवाने देख ये मौसम
रोज रोज नहीं आये
जवानी बार बार नहीं आये
जवानी हाले डोले
हाले डोले प्यार का जादू
झूम के नैना दाल दे बाबू हाय
जवानी बार बार नहीं आये
बेदर्दा अब तो नज़र मिला ले
मैं छम छम चल के आई तेरी ओर
के बलमा नहीं दिल पे कोई जोर
मैं छम छम चल के आई तेरी ओर
के बलमा नहीं दिल पे कोई जोर
प्यार से जब तू हाथ लगाये
जूडे का गजरा खिल खिल जाए
लड़े जो तुझसे नैन तो
कजरा नैन बीच मुस्काए
जवानी बार बार नहीं आये
जवानी हाले डोले
हाले डोले प्यार का जादू
झूम के नैना दाल दे बाबू हाय
जवानी बार बार नहीं आये
बेदर्दा अब तो नज़र मिला
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Jawani baar baar nahin aaye-Tangewala 1972
Artist: Mumtaz
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