Sep 18, 2016

गुडिया हमसे रूठी रहोगी-दोस्ती १९६४

बच्चों वाले गीत काफी सुन चुके हैं आप इधर. एक और
सुन लेते हैं सन १९६४ की फिल्म दोस्ती से. बच्चों वाले
गीत कैसे होते हैं-जिन्हें सुन के बच्चे खुश होते हैं, या जिन
गीतों को बच्चों पर फिल्माया गया होता है, या फिर जिन
गीतों में बच्चों का उल्लेख होता है. विशेष किस्म के बाल
गीत वे होते हैं जिन्हें हम लोरी कहते हैं.

आजकल के बच्चे तो मुन्नी बदनाम हुई सुन के खुश होते
हैं, अब ऐसे गीतों को क्या कहेंगे हम ?

प्रस्तुत गीत लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने और इसका
संगीत तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी ने.
गायिका है लता मंगेशकर जिनका फिल्म दोस्ती में ये
एकमात्र गीत है.



गीत के बोल:

गुड़िया हमसे रूठी रहोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई

गुड़िया हमसे रूठी रहोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
गुड़िया

झुकी-झुकी पलकों में आ के
देखो गुपचुप आँखों से झाँके
तुम्हारी हँसी
गुपचुप आँखों से झाँके
झुकी-झुकी पलकों में आ के
देखो गुपचुप आँखों से झाँके
तुम्हारी हँसी
गुपचुप आँखों से झाँके
फिर भी अँखियाँ बन्द करोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
गुड़िया

अभी-अभी आँखों से छलके
अभी कुछ-कुछ होंठों पे झलके
तुम्हारी हँसी
कुछ-कुछ होंठों पे झलके
अभी-अभी आँखों से छलके
अभी कुछ-कुछ होंठों पे झलके
तुम्हारी हँसी
कुछ-कुछ होंठों पे झलके
फिर भी मुख पे हाथ धरोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
गुड़िया हमसे रूठी रहोगी
कब तक न हँसोगी
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
देखो जी किरन सी लहराई
आई रे आई रे हँसी आई
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Gudiya hamse roothi rahogi-Dosti 1964

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