हमसे आया न गया-देख कबीरा रोया १९५७
गीत गवाए. ग़ज़लें मदन मोहन ने काफी अच्छी बनायीं और ऐसी
बनायीं कि दूसरे संगीतकार भी तारीफ किया करते थे.
देख कबीरा रोया एक बहुसितारा फिल्म है जिसमें तीन नायक और
तीन नायिकाएं हैं जिनकी कहानी साथ साथ चलती है. फिल्म के
कलाकार उस समय के बहुत बड़े सितारे नहीं थे मगर जाने पहचाने
थे जैसे अनूप कुमार, अनीता गुहा, अमीता और शुभा खोटे. ये
गीत अनूप कुमार गा रहे हैं परदे पर. अभिनेत्री शुभा खोटे के चहरे
पर कई भावों का मिश्रण है. उल्लेखनीय है शुभा अपनी समकालीन
कई अभिनेत्रियों से बेहतर अभिनय किया करती थीं.
इस फिल्म का निर्देशन किया है अमिय चक्रवर्ती ने जिन्होंने १९५५
की फिल्म सीमा के लिए शंकर जयकिशन की सेवाएं ली थीं. इस
फिल्म के लिए उन्होंने मदन मोहन को लिया और मदन मोहन ने
एक से बढ़ कर एक गीत बनाये फिल्म के लिए. वैसे संगीतकार
के चयन में निर्माता का दखल भी रहता है कभी कभार.
गीत के बोल:
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
फ़ासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
हमसे आया न गया
वो घड़ी याद है जब तुमसे मुलाक़ात हुई
वो घड़ी याद है जब तुमसे मुलाक़ात हुई
एक इशारा हुआ दो हाथ बढ़े बात हुई
देखते देखते दिन ढल गया और रात हुई
वो समां आज तलक दिल से भुलाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
हमसे आया न गया
क्या ख़बर थी के मिले हैं तो बिछड़ने के लिये
क्या ख़बर थी के मिले हैं तो बिछड़ने के लिये
क़िस्मतें अपनी बनाईं हैं बिगड़ने के लिये
क़िस्मतें अपनी बनाईं हैं बिगड़ने के लिये
प्यार का बाग लगाया था उजड़ने के लिये
इस तरह उजड़ा के फिर हमसे बसाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
हमसे आया न गया
याद रह जाती है और वक़्त गुज़र जाता है
याद रह जाती है और वक़्त गुज़र जाता है
फूल खिलता भी है और खिल के बिखर जाता है
सब चले जाते हैं फिर दर्दे जिगर जाता है
दाग़ जो तूने दिया दिल से मिटाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
फ़ासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया
हमसे आया न गया तुमसे बुलाया ना गया
हमसे आया न गया
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Hamse aaya na gaya-Dekh kabira roya 1957
Artists:Anoop Kumar, Shubha Khote
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