पूछो न हमें हम उनके लिये-मिटटी में सोना १९६०
सुन लेते हैं. क्रियाएँ बदलती रहना चाहिए उससे बोरियत नहीं होती
है.
मेलन्कली गीत सुनते सुनते आदमी दुखी होता चलता है हमारे एक
मित्र का मानना है, वे कहते हैं ग्लेड, ग्लेडर. ग्लेडेस्ट किस्म के गीत
सुनते रहना चाहिए बीच बीच में उससे मन प्रसन्न रहता है.
प्रस्तुत गीत है आशा भोंसले का एक बेहद लोकप्रिय गीत जिसे लिखा
है राजा मेहँदी अली खान ने और इसके संगीतकार हैं ओ पी नैयर.
राजा मेहँदी ने ओ पी नैयर के साथ ज्यादा काम नहीं किया है.
गीत का वीडियो उपलब्ध नहीं है ये अफ़सोस की बात है. ऑडियो सुन
कर काम चला लेते हैं. इसमें भी केवल एक अन्तरा मौजूद है. पूरा
गीत सुन पाना एक दुर्लभ अनुभव है.
गीत के बोल:
पूछो न हमें हम उनके लिये
क्या क्या नज़राने लाये हैं
देने को मुबारकबाद उन्हें
आँखों में ये आँसू आये हैं
पूछो न हमें हम उनके लिये
क्या क्या नज़राने लाये हैं
देने को मुबारकबाद उन्हें
आँखों में ये आँसू आये हैं
पूछो न हमें हम उनके लिये
जीवन की सुहानी राहों में
उनको एक जीवन मीत मिला
जीवन की सुहानी राहों में
उनको एक जीवन मीत मिला
और हँसती हुई इस महफ़िल से
हमको बिरहा का गीत मिला
कलियों की तरह मुसकाये थे हम
कलियों की तरह मुसकाये थे हम
फूलों की तरह मुरझाये हैं
पूछो न हमें हम उनके लिये
तूफ़ान हज़ारों साथ लिए
जीवन की धारा बहती है
तूफ़ान हज़ारों साथ लिए
जीवन की धारा बहती है
और देख के उसकी मौजों को
तक़दीर ये हँसकर कहती है
साहिल के लिए जो तड़पे थे
साहिल के लिए जो तड़पे थे
वह आज भँवर में आए हैं
पूछो न हमें हम उनके लिये
क्या क्या नज़राने लाये हैं
देने को मुबारकबाद उन्हें
आँखों में ये आँसू आये हैं
पूछो न हमें हम उनके लिये
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Poochho na hamen ham unke liye-Mitti mein sona 1960
Artist: Mala Sinha
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