हवा चले कैसे-दाग १९७३
स्मॉग इन दिनों छाया हुआ है उसको दूर करने का कोई उपाय
हो जाता. हवा पानी बारिश बिजली का कंट्रोल अभी ऊपर वाले
के हाथ ही है.
प्रस्तुत गीत में सर्वशक्तिमान का नाम लिए बगैर उसी को हर चीज़
के लिए जिम्मेदार बतलाया गया है. ये है सन १९७३ की फिल्म
दाग से मधुर गीत लता मंगेशकर की आवाज़ में. गीत शुरू होता
है एक गबरू से दिखलाई देने वाले बच्चे को कुछ समझाने से.
ये है मास्टर राजू नाम का कलाकार.
साहिर लुधियानवी के बोल हैं और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत.
कुदरत के नज़रों का वर्णन हर गीतकार ने अपने अनूठे अंदाज़ में
किया है. धुंध में धूप पली हुई आपको दूसरे किसी गीत में नहीं
मिलेगी.
गीत के बोल:
हवा चले कैसे हवा चले कैसे
ना तू जाने ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
हवा चले कैसे हवा चले कैसे
ना तू जाने ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
घटा उड़े कैसे घटा उड़े कैसे
ना तू जाने ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
थाम कर एक पंखड़ी का हाथ चुपके चुपके
फूल से तितली ने की है क्या बात चुपके चुपके
आ ज़रा करें पता वो शायद दे बता
हवा चले कैसे हवा चले कैसे
ना तू जाने ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
पर्वतों के सर पर झुकती घटायें
डालियों को छूती ठंडी हवाएं
ख़ामोशी की लय पे गाती फिजाएं
मस्तियों में डूबी मीठी सदाएं
कहो कौन भेजे कौन लाये
कहाँ से लाएं
बोलो कहाँ को जाएँ
तुम भी सोचो मैं भी सोचूं
मिलजुल के बूझें पहेली
हवा चले कैसे हवा चले कैसे
ना तू जाने ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
बोलो बर्फ की चादर किसने डाली है
बोलो धुंध में ये धूप किसने पाली है
ला ला ला ला ला ला ला ला
कैसे मीठे सपनों का जादू चलता है
कैसे सूरज उगता है चन्दा ढलता है
तुमको सब मालूम है टीचर
हमको भी बतलाओ ना
सात समुन्दर पार है एक सतरंगा संसार
उसका जादूगर सरदार रखता परियों का दरबार
उसको आते खेल हज़ार करता सब बच्चों से प्यार
जाने जाने जाने वो ही जाने
ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला
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Hawa chale kaise-Daag 1973
Artist: Sharmila Tagore
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