मन में नाचे मन की उमंगें-बेक़सूर १९५०
एक और लाजवाब गीत सुनते हैं जो फिल्म बेक़सूर से है. इसे
एहसान रिज़वी ने लिखा है और संगीत तैयार किया है अनिल
बिश्वास ने.
सन ५० की फिल्म बेक़सूर से एक गीत आप सुन चुके हैं जिसे
दुर्रानी,मुकेश और रफ़ी ने गाया है. उस गीत में भी एहसान रिज़वी
के बोल हैं और अनिल बिश्वास का संगीत है.
फिल्म के प्रमुख कलाकार हैं अजित और मधुबाला. के अमरनाथ
ने फिल्म का निर्देशन किया था. गीता निजामी, दुर्गा खोटे, याकूब,
गोप और प्रमिला फिल्म के बाकी उल्लेखनीय कलाकार हैं.
गीत के बोल:
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
डूबी जाए चांदनी
झूमे घटा घनघोर
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
भँवरे नाचे कलियाँ नाचें
और नाचे मधुमास
भँवरे नाचे कलियाँ नाचें
और नाचे मधुमास
बिरहा रैन से मिल कर नाचे
पिया मिलन की आस रे
पिया मिलन की आस
लहर लहर पर चंदा नाचे
ता थई ता थई ता थई ता थई
लहर लहर पर चंदा नाचे
किरण किरण पे चकोर
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
सावन की ओढ़े ओढनी
बिजली झलक दिखाए
सावन की ओढ़े ओढनी
बिजली झलक दिखाए
नयी नयी दुल्हन का जैसे
घूंघट खुल खुल जाए रे
घूंघट खुल खुल जाए
मैं किनसे शरामाऊं गोरी
मैं किनसे शरामाऊं गोरी
दूर बसे चितचोर
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
डूबी जाए चांदनी
झूमे घटा घनघोर
मन में नाचे मन की उमंगें
बन में नाचे मोर
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Man mein nache man ki umangen-Beqasoor 1950
Artists: Madhubala
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