Nov 18, 2016

कहते डरती हो-त्रिशूल १९७८

सन १९७८ की फिल्म त्रिशूल के गाने साहिर लुधियानवी
ने लिखे थे. फिल्म का संगीत खय्याम द्वारा तैयार किया
गया था. ये जोड़ी फिल्म कभी कभी के गीत भी बना
चुकी थी पहले. कभी कभी के गीत ८० के दशक के सबसे
ज्यादा बजने वाले गीतों में शामिल हैं. मुकेश का गाया
शीर्षक गीत आज भी आप सुन सकते हैं.

फिल्म कभी कभी में एक गीत है जो धीरे धीरे शुरू हो
कर रफ़्तार पकड़ लेता है. लाता और किशोर का गाया
युगल गीत है ये. ऐसा ही कुछ फिल्म त्रिशूल में भी फिट
किया गया. इस गीत को भी लाता और किशोर ने गाया
है. फर्क इतना है कभी कभी का गीत भतीजे पर फिल्माया
गया था और त्रिशूल का गीत चाचा पर. दोनों गीत ही
रोचक हैं. साहित्यिक गीतों में “तो क्या हो” बड़े आराम
से प्रयोग में लाया जाता है, और किशोर के गाये गीत
में किस पंक्ति में “अरे” या “हो” शब्द आ जाए कुछ कहा
नहीं जा सकता.




गीत के बोल:


आज हम इश्क़ का इज़हार करें तो क्या हो
जान पहचान से इंकार करें तो क्या हो
भरी महफ़िल में तुम्हे प्यार करें तो क्या हो
कोशिशें आप की बेतार करे तो क्या हो

कहते डरती हो दिल में मरती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो
अरे कहते डरती हो दिल में मरती हो
जानेमन तुम कमाल करती हो

आँखों आँखों में मुस्कुराती हो
बातों बातों में दिल लुभाती हो
नर्म सांसों की गर्म लहरों से
दिल के तारों को गुदगुदाती हो
अरे इन सब बातों का मतलब पूछे तो
रंग चेहरे का लाल करती हो
हो जानेमन तुम कमाल करती हो

चुप भी रहिए ये क्या कयामत है
आप की भी अजीब आदत है
इतना हंगामा किसलिये आखिर
प्यार है या कोई मुसीबत है
जब भी मिलते हो जाने तुम क्या-क्या
उल्टे-सीधे सवाल करते हो
जानेमन तुम कमाल करते हो

मस्तियां सी फ़ज़ां पे छाई हैं
वादियां रंग में नहाई हैं
नर्म सब्ज़ पेड़ शोख फूलों ने
मखमली छादरें बिछाई हैं
आह छोड़ो शरमाना ऐसे मौसम मे
तबियत क्यों निहाल करती हो
हो जानेमन तुम कमाल करती हो
जब भी मिलते हो जाने तुम क्या-क्या
उल्टे-सीधे सवाल करते हो
जानेमन तुम कमाल करते हो
हे जानेमन तुम कमाल करती हो
हो जानेमन तुम कमाल करते हो
मैंने कहा जानेमन तुम कमाल करती हो
.....................................................................
Kehte darti ho-Trishul 1978

Artists: Shashi Kapoor, Hema Malini

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