वो हम ना थे-चा चा चा १९६४
आवाज़ में नीरज का लिखा हुआ. आज इसी फिल्म से एक और उम्दा
गीत सुनते हैं ये भी नीरज का लिखा हुआ और रफ़ी का गाया हुआ
है.
गीत फिल्माया गया है चंद्रशेखर पर और इस गीत के संगीतकार हैं
इकबाल कुरैशी. गीत में आप साडी पहने एक घरेलू लड़की सी दिखाई
दे रही हेलन को भी देख्नेग जो फिल्म की नायिका हैं.
गीत के बोल:
वो हम ना थे वो तुम ना थे
वो हम ना थे वो तुम ना थे,
वो रहगुज़र थी प्यार की
लुटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
पालकी बहार की
वो हम ना थे वो तुम ना थे
ये खेल था नसीब का
ये खेल था नसीब का ना हंस सके ना रो सके
ना टूर पर पहुँच सके ना द्वार पर ही सो सके
कहानी किससे ये कहें
कहानी किससे ये कहें चढाव की उतार की
लुटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
पालकी बहार की
वो हम ना थे वो तुम ना थे
तुम्हीं थे मेरे रहनुमा तुम्हीं थे मेरे हमसफ़र
तुम्हीं थे मेरी रौशनी तुम्हीं ने मुझको दी नज़र
दी नज़र
बिना तुम्हारे जिंदगी
बिना तुम्हारे जिंदगी शमा है एक मज़ार की
लुटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
पालकी बहार की
वो हम ना थे वो तुम ना थे
ये कौन सा मुकाम है
ये कौन सा मुकाम है फलक नहीं ज़मीन है
के शब् नहीं सहर नहीं के गम नहीं खुशी नहीं
कहाँ ये ले के आ गई
कहाँ ये ले के आ गई हवा तेरे दयार की
लुटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
पालकी बहार की
वो हम ना थे वो तुम ना थे
गुजर रही है तुमपे क्या बना के हमको दर बदर
ये सोच कर उदास हूँ ये सोच कर है चश्म तर
चश्म तर
ना चोट है ये फूल की
ना चोट है ये फूल की न है खलिश ये खार की
लुटी जहाँ पे बेवजह पालकी बहार की
पालकी बहार की
पालकी बहार की
पालकी बहार की
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Wo ham na the-Cha cha cha 1964
Artists: Chandrashekhar, Helen
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