Dec 18, 2016

आज पुरानी राहों से-आदमी १९६८

कभी मैं सोचता हूँ दिलीप कुमार की राम और श्याम के हंसमुख
किरदार को याद रखूँ या फिल्म आदमी वाले दिलीप कुमार को.
दिलीप कुमार अपने कैरियर में जल्दी ही ट्रेजेडी किंग के रूप में
पहचाने जाने लगे. उन्होंने सभी किस्म के किरदार बखूभी निभाए
हैं एक कुशल आलराउंडर की तरह.

कुछ दिन पहले ही हमने मीडिया पर कवरेज में दिलीप कुमार के
स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मालूम की. सामान्य जान पड़ताल
के लिए वे अस्पताल पनुंचे थे. इ भले ही फिल्मों से दूर हों कई
वर्षों से मगर उनके फैन्स के मन में उनके बारे में जाने की
उत्सुकता बनी रहती है. उनके फैन्स में बॉलीवुड के कई बड़े बड़े
सितारे शामिल हैं.

सुनते हैं फिल्म आदमी से एक काफी मेलन्कली किस्म का गीत.
शकील के बोल है, नौशाद का संगीत और रफ़ी की संजीदा आवाज़.
फिल्म में इससे भी ज्यादा दर्दीला एक और गीत है जिसे हम सुन
चुके हैं पहले. गीत तीसरे अंतरे में आशावादी हो जाता है मगर
तब तक सुनने वाला कोलेप्स होने लगता है.






गीत के बोल:

ओ हो हो ओ ओ हो हो हो
आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज़ न दे
आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज़ न दे
दर्द में डूबे गीत न दे गम का सिसकता साज़ न दे
दर्द में डूबे गीत न दे गम का सिसकता साज़ न दे
ओ हो हो ओ ओ हो हो हो

बीते दिनों की याद थी जिनमें मैं वो तराने भूल चुका
आज नई मंज़िल है मेरी कल के ठिकाने भूल चुका
न वो दिल न सनम न वो दीन-धरम
अब दूर हूँ सारे गुनाहों से

आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज़ न दे

टूट चुके सब प्यार के बंधन आज कोई ज़ंजीर नहीं
शीशा-ए-दिल में अरमानों की आज कोई तस्वीर नहीं
अब शाद हूँ मैं आज़ाद हूँ मैं कुछ काम नहीं है आहों से

आज पुरानी राहों से कोई मुझे आवाज़ न दे
दर्द में डूबे गीत न दे गम का सिसकता साज़ न दे
ओ हो हो ओ ओ हो हो हो

जीवन बदला दुनिया बदली मन को अनोखा ज्ञान मिला
आज मुझे अपने ही दिल में एक नया इनसान मिला
पहुँचा हूँ वहाँ नहीं दूर जहाँ भगवान भी मेरी निगाहों से
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Aaj purani rahon se-Aadmi 1968

Artist: Dilip Kumar

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