कुछ कहता है ये सावन-मेरा गांव मेरा देश १९७१
से क्या कहा, शीरीं ने फरहाद से क्या कहा वगैरह हमें कई
कवियों और शायरों की रचनाओं में पढ़ने को मिलते हैं.
सवाल जवाब के आकर्षण से हिंदी फिल्मों के गाने भी अछूते
नहीं हैं. वैसे तो ढेरों गीत बिखरे हैं खजाने में, आज आपको
सुनवाते और दिखाते है मेरा गांव मेरा देश से एक लोकप्रिय
सवाल-जवाब गीत.
गीत फिल्माया गया है आशा पारेख और धर्मेन्द्र पर. फिल्म के
निर्देशक हैं राज खोसला जिनका गाने फिल्माने का आकर्षक
अंदाज़ दर्शकों को लुभाता था और नयी पीढ़ी भी इस बात की
कायल है.
गीत में दो पंक्तियाँ हैं जिन्हें हमने कई बार प्रतीक रूप में
फिल्मों में देखा है विशेषकर प्रणय और प्रेम दृश्यों की जगह-
खिलती हैं तब कलियाँ, कब खिलती हैं ?
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ जब मिलती हैं.
कभी फूल, कभी कलियाँ कभी उड़ते हुए भँवरे और कभी पक्षी.
इन सब का प्रतीकों के रूप में बखूबी इस्तेमाल हुआ है.
गीत के बोल:
कुछ कहता है ये सावन क्या कहता है
कुछ कहता है ये सावन क्या कहता है
शाम सवेरे दिल में मेरे तू रहता है
आं आं आं आं तू रहता है
ओ ओ ओ ओ कुछ कहती है ये बदली क्या कहती है ?
ओ ओ ओ ओ कुछ कहती है ये बदली अरे क्या कहती है ?
शाम सवेरे दिल में मेरे तू रहती है
ओ ओ ओ ओ ओ तू रहती है
आं आं आं आं रिमझिम गाता है पानी क्यूँ गाता है
प्रीत में साजन गीत ये जीवन बन जाता है
बन जाता है
फिर आई पुरवाई क्यूँ आई है
फिर आई पुरवाई क्यूँ आई है
सजनी तेरा प्रेम संदेसा ये लाई है
भीगी भीगी रातों में क्या होता है
हो भीगी भीगी रातों में क्या होता है
नींद न आये हमको हाय जग सोता है
हूँ जग सोता है
खिलती हैं तब कलियाँ कब खिलती हैं ?
खिलती हैं तब कलियाँ कब खिलती हैं ?
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ जब मिलती हैं.
छम छम बजती है पायल कब बजती है
छम छम बजती है पायल कब बजती है
प्रेम के पथ पर रूप को ठोकर जब लगती है
जब लगती है
धक् धक् करता है ये दिल क्यूँ करता है
धक् धक् करता है ये दिल क्यूँ करता है
लोग ना सुन लें प्यार की बातें मन डरता है
अरे जाते हैं परदेसी क्यूँ जाते हैं
दूर अकेले देस के मेले याद आते हैं
ओ ओ ओ ओ याद आते हैं
हाँ हाँ हाँ हाँ झर झर बहता है झरना क्यूँ बहता है
आई जवानी रूत मस्तानी ये कहता है
हाय ये कहता है
कुछ कहता है ये सावन क्या कहता है
आ आ आ आ कुछ कहता है ये सावन
आ आ आ आ कुछ कहता है ये सावन
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Kuchh kehta hai ye swan-Mera gaon mera desh 1971
Artists: Dharmendra, Asha Parekh
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