इधर बिजली उधर शोला-राजा १९६३
क्लासिकल गीतों से ही जोड़ कर देखती आई है. आज सुनते हैं
एक क्लब सोंग फिल्म राजा से जो सन १९६३ की एक फिल्म है.
ये क्लब पीरियड क्लब है अर्थात राज दरबार वाला क्लब है. अब
यही गीत किसी मॉडर्न सेट अप वाले किसी दृश्य में फिट किया
जाता तो थोडा लोकप्रिय भी हो जाता.
राधाकांत निर्देशित और मुकुल बैनर पिक्चर्स बैनर तले बनी इस
फिल्म में जीवन, उल्हास, विजया चौधरी, हेलन, जगदीप के साथ
हेलन प्रमुख भूमिका में हैं.
हिंदी सिनेमा का इतिहास हेलन के उल्लेख बिना अधूरा ही रहेगा.
कितना भी हम सितारों का महिमा मंडन कर लें मगर ये एक बात
शाश्वत सत्य की तरह है कि हेलन के लिए दर्शकों के दिल में आदर
वाली विशेष जगह रही हमेशा. उनकी चपलता और गति लाजवाब
और बेजोड रही. कोई भी नृत्य शैली उनके लिए असंभव न थी.
गीत के बोल:
इधर बिजली उधर शोला
जो टकराए तो फिर क्या होगा
हो जी हो जी होशियार
हो जी हो जी होशियार
इधर बिजली उधर शोला
जो टकराए तो फिर क्या होगा
हो जी हो जी होशियार
हो जी हो जी होशियार
उनके दिल में बहाने ही बहाने
अपनी आँखों में निशाने ही निशाने
उनके दिल में बहाने ही बहाने
अपनी आँखों में निशाने ही निशाने
हुस्न भी है इश्क भी है
देखिये होगा क्या फैसला
इधर बिजली उधर शोला
जो टकराए तो फिर क्या होगा
हो जी हो जी होशियार
हो जी हो जी होशियार
आज हवाएं कुछ बदली हुई हैं
आज निगाहें कुछ मचली हुई हैं
आज हवाएं कुछ बदली हुई हैं
आज निगाहें कुछ मचली हुई हैं
एक तूफ़ान उठ रहा है
आज है इम्तहान दिल का
इधर बिजली उधर छोला
जो टकराए तो फिर क्या होगा
हो जी हो जी होशियार
हो जी हो जी होशियार
ये अदाओं का नज़रों का ज़माना
ये इशारों ही इशारों का ज़माना
ये अदाओं का नज़रों का ज़माना
ये इशारों ही इशारों का ज़माना
मुश्किलें ही मुश्किलें हैं
दिल रहे न रहे क्या पता
इधर बिजली उधर गोला
जो टकराए तो फिर क्या होगा
हो जी हो जी होशियार
हो जी हो जी होशियार
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Idhar Bijli Udhar Shola-Raja 1963
Artists-Helen, Jagdeep, Jeevan
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