मुझे दुनिया वालों शराबी-लीडर १९६४
फ्लेवर और कलर में आती है. काम सबका एक ही है, झुमाना.
शराब पीने के कई बहाने होते हैं मदिरा प्रेमियों के पास. पीने
के बाद ये बहाने ज्यादा सुनने को मिलते हैं.
एक ऐसा गीत जिसमे सफाई पेश की जा रही है फिल्म लीडर
से आपको सुनवाते हैं. शकील बदायूनीं का लिखा और नौशाद
का संगीतबद्ध गीत रफ़ी ने गाया है. इसे रफ़ी ने बहुत से स्टेज
शो में गाया था और इस बात से शायद ये अनुमान लगाया जा
सकता है कि ये रफ़ी का एक पसंदीदा गीत था.
गीत के बोल:
मुझे दुनिया वालों शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ पिलाई गई है
जहाँ बेखुदी में कदम लड़खड़ाये
वो ही राह मुझको दिखाई गई है
नशे में हूँ लेकीन मुझे ये खबर है
के इस ज़िन्दगी में सभी पी रहे हैं
किसी को मिले हैं छलकते प्याले
किसी को नजर से पिलाई गई है
मुझे दुनिया वालों शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ पिलाई गई है
किसी को नशा है जहां में खुशी का
किसी को नशा है गम-ए-ज़िन्दगी का
कोई पी रहा है, लहू आदमी का
हर इक दिल में मस्ती रचाई गई है
मुझे दुनिया वालों शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ पिलाई गई है
ज़माने के यारों चलन हैं निराले
यहा तन हैं उजले मगर दिल हैं काले
ये दुनिया है दुनिया यहाँ मालोज़र में
दिलों की खराबी छुपाई गई है
मुझे दुनिया वालों शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ पिलाई गई है
जहाँ बेखुदी में कदम लड़खड़ाये
वो ही राह मुझको दिखाई गई है
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Mujhe duniya walon sharabi-Leader 1964
Artists: DIlip Kumar, Vaijayantimala
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