Dec 3, 2016

लाखों हैं निगाह में-फ़िर वही दिल लाया हूँ १९६३

इस फिल्म से आपको हमने ६ गाने सुनवाए हैं अभी तक. काफी
दिन से ओ पी नैयर के संगीत वाला गीत आपको नहीं सुनवाया
था. नैयर का संगीत सुनते रहना चाहिए इससे रिदम और बीट्स
का कंसेप्ट क्लीयर बना रहता है. नए संगीत से जो डिसटोर्शन
उत्पन्न हो जाता है उससे मेलोडी मेलाडी में तब्दील होने लगती
है.

हीरो की स्टडी बड़ी तगड़ी है और उसने लाखों को देख लिया और
स्कैन कर लिया है जैसा गीत में वो बतला रहा है किसी छंटे हुए
लफंटूश की तरह. लाखों शब्द कुछ ज्यादा हो गया. अतिश्योक्ति
मान के चलते हैं हम.

मजरूह सुल्तानपुरी का गीत है और रफ़ी ने इसे गाया है जो कि
एक पॉपुलर गीत है और सदाबहार भी.

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गीत के बोल:

हाय
लाखों हैं निगाह में ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ
हो लाखों हैं निगाह में ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ

लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
तौबा ये निगाहें के रोकती है राहें
तौबा ये निगाहें के रोकती है राहें
देखो ले ले के तीर कमान हाय

लाखों हैं निगाह में ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ

जानूं ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख्यालों की मलिका
जानूं ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख्यालों की मलिका
भीगी-भीगी रुत की छांव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
भीगी-भीगी रुत की छांव तले
मान लो कहीं वो आन मिले
कैसे पहचानूँ के नाम नहीं जानूँ
कैसे पहचानूँ के नाम नहीं जानूँ
किसे ढूँढे मेरे अरमां हो

लाखों हैं निगाह में ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ

कभी-कभी वो एक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
कभी-कभी वो एक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
हैं जो यही बातें तो होंगी मुलाकातें
हैं जो यही बातें तो होंगी मुलाकातें
कभी यहाँ नहीं तो वहाँ

लाखों हैं निगाह में ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ हो
लेकिन वो बात कहाँ
लेकिन वो बात कहाँ हाय
लेकिन वो बात कहाँ
…………………………………………………
Lakhon hain nigah mein-Phir wahi dil laya hoon 1963

Artist: Joy Mukherji

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