हाल-ए-दिल यूँ उन्हें-जहाँआरा १९६४
मदन मोहन की गीतों पर बात करते समय कुछ यूँ ही बतलाया
करते हैं. गीतकार और गायक चर्चा में थोड़े देर में आते हैं.
गीत है जहाँआरा से जिसे राजेंद्र कृष्ण ने लिखा है और इसे गाया
लता मंगेशकर ने. फिल्म जहाँआरा की शीर्षक भूमिका निभाई थी
माला सिन्हा ने. फिल्म का निर्माण लाईट एंड शेड नामक संस्था
ने किया. विनोद कुमार फिल्म के निर्देशक हैं. इस संस्था की तीन
फिल्मों-चाचा जिंदाबाद, संजोग और जहाँआरा में मदन मोहन का
संगीत है. निर्देशक तीनों फिल्मों के अलग अलग हैं. संजोग का
निर्देशन प्रमोद चक्रवर्ती ने किया था, फिल्म ज्यादा चली नहीं.
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
आँख ही को ज़ुबाँ बनाया गया
आँख ही को ज़ुबाँ बनाया गया
ज़िन्दगी की उदास रातों को
ज़िन्दगी की उदास रातों को
आपकी याद से सजाया गया
आपकी याद से सजाया गया
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
इश्क़ की वो भी इक मंज़िल थी
इश्क़ की वो भी इक मंज़िल थी
हर क़दम पर फ़रेब खाया गया
हर क़दम पर फ़रेब खाया गया
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
दिल पे एक वो भी हादसा गुज़रा
दिल पे एक वो भी हादसा गुज़रा
आज तक दिल से ना छुपाया गया
आज तक दिल से ना छुपाया गया
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
लाख तूफ़ाँ समेट कर या रब
लाख तूफ़ाँ समेट कर या रब
किसलिए एक दिल बनाया गया
किसलिए एक दिल बनाया गया
हाल-ए-दिल यूँ उन्हें सुनाया गया
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Haal-eil yun unhen-Jahan Ara 1964
Artists:Mala Sinha, Bharat Bhushan
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