कजरा मोहब्बत वाला-किस्मत १९६८
जीवन के कई पहलुओं में सच साबित होती नज़र आएगी. फ़िल्मी
दुनिया भी इससे अछूती नहीं है. आज जिस फिल्म का गीत आपको
सुनवा रहे हैं उसका नाम किस्मत है.
अच्छी सूरत एक वरदान समान है. केवल शकल सूरत के साथ भी
कईयों ने अपनी गाडी बखूबी धकाई है फिल्म जगत में. अभिनय
कौशल के बलबूते पर अपना स्थान बनाने वाले बहुत कम हैं. ये
बात तकरीबन हर दौर में आपको थोडा बहुत अंतर लिए मिलेगी.
अभिनय के मामले में प्रस्तुत फिल्म के नायक औसत रहे अपने
जीवन में. नायिका की बात की जाए तो वे औसत से भी कम स्तर
पर रहीं. फिल्म के निर्देशक हैं मनमोहन देसाई जिन्होंने हिंदी फिल्म
इतिहास की कुछ निहायती ड्रामाटिक फिल्मों का निर्देशनं किया है.
उनका सफलता का औसत दुसरे निर्देशकों से बेहतर रहा और उन्हें
सबसे सफल निर्देशकों में गिना जाता है.
फिल्म किस्मत की कहानी भी काफी ट्विस्ट लिए है. मनमोहन देसाई
की फिल्मों का संगीत लोकप्रिय होता था, इसका भी है. ये गीत
विश्वजीत की वेशभूषा की वजह से चर्चा में आया था फिल्म रिलीज़
के वक्त और इस पर कुछ समीक्षकों ने कटाक्ष भी किये था. आज के
दौर में हमें ये सब बातें सामान्य लगती हैं.
गीत के बोल:
कजरा मुहब्बत वाला अँखियों में ऐसा डाला
कजरे ने ले ली मेरी जान
हाय रे मैं तेरे क़ुरबान
दुनिया है मेरे पीछे लेकिन मैं तेरे पीछे
अपना बना ले मेरी जान
हाय रे मैं तेरे क़ुरबान
आई हो कहाँ से गोरी आँखों में प्यार ले के
चढ़ती जवानी की ये पहली फुहार ले के
दिल्ली शहर का सारा मीना बाज़ार ले के
झुमका बरेली वाला कानों में ऐसा डाला
झुमके ने ले ली मेरी जान
हाय रे मैं तेरे क़ुरबान
मोटर ना बंगला माँगूँ झुमका ना हार माँगूँ
दिल को चलाने वाले दिल का क़रार माँगूँ
सइयां बेदर्दी मेरे थोड़ा सा प्यार माँगूँ
किस्मत बना दे मेरी अपना बना ले मेरी
कर ले सगाई मेरी जान
हाय रे मैं तेरे क़ुरबान
जब से है देखा तुझको हो गए गुलाम तेरे
अपना बना ले गोरी आएंगे काम तेरे
अपना ये जीवन सारा लिख देंगे नाम तेरे
कुर्ता ये जाली वाला उस पर मोतियन की माला
कुर्ते ने ले ली मेरी जान
हाय रे मैं तेरे क़ुरबान
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Kajra mohabbat wala-Kismat 1968
Artists: Biswajeet, Babita

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