समा है सुहाना सुहाना-घर घर की कहानी १९७०
वर्ष: १९७०
गायक:: किशोर कुमार
गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गीत के बोल:
समा है सुहाना सुहाना नशे में जहां है
किसी को किसी की खबर ही कहाँ है
हर दिल में देखो मोहब्बत जवां है
समा है सुहाना
कह रही है नज़र नज़र से अफ़साने
हो रहा है असर के जिसको दिल जाने
देखो ये दिल की अजब दास्ताँ है
नज़र बोलती है दिल बेज़ुबां है
समा है सुहाना सुहाना
हो गया है मिलन दिलों का मस्ताना
हो गया है कोई किसी का दीवाना
जहाँ दिलरुबा है दिल भी वहाँ है
जिसे प्यार कहिये वही दरमियाँ है
समा है सुहाना सुहाना नशे में जहां है
किसी को किसी की खबर ही कहाँ है
हर दिल में देखो मोहब्बत जवां है
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Sama hai suhana-Ghar ghar ki kahani 1970