मैं यहाँ हूँ-वीर ज़ारा २००४
लगता है उसकी वजह समय के साथ बढ़ी वाद्य यंत्रों की
मात्रा. मूल धुनें शायद कम वाद्य यंत्रों के हिसाब से तैयार
की गयी थीं. हम वीर ज़ारा के संगीत के सन्दर्भ में ये
बात कर रहे हैं.
एक अच्छा काम हुआ कि धुनों को दुनिया के सामने लाया
गया जिनका प्रयोग कई वर्षों से नहीं हो प् रहा था. एक
बात ज़रूर है कि मदन मोहन के समय के गायक भी
मौजूद नहीं थे २००४ में और जो थे उनकी टोनल क्वालिटी
से समय बहुत आगे निकल चुका था.
सुनते हैं एक गीत उदित नारायण की आवाज़ में जो कि
जावेद अख्तर का लिखा हुआ है. शाहरुख खान और प्रीती
जिंटा पर इसे फिल्माया गया है.
गीत के बोल:
जानम देख लो मिट गयी दूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
जानम देख लो मिट गयी दूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
कैसी सरहदें कैसी मजबूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
तुम छुपा ना सकोगी मैं वो राज़ हूँ
तुम भूला ना सकोगी वो अंदाज़ हूँ
गूँजता हूँ जो दिल में तो हैरां हो क्यूँ
मैं तुम्हारे ही दिल की तो आवाज़ हूँ
सुन सको तो सुनो धड़कनों की ज़बां
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
कैसी सरहदें कैसी मजबूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
मैं ही मैं अब तुम्हारे ख़यालों में हूँ
मैं जवाबों में हूँ मैं सवालों में हूँ
मैं तुम्हारे हर इक ख्वाब में हूँ बसा
मैं तुम्हारी नज़र के उजालों में हूँ
देखती हो मुझे देखती हो जहाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
जानम देख लो मिट गयी दूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
कैसी सरहदें कैसी मजबूरियाँ
मैं यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ हूँ यहाँ
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Main yahan hoon-Veer Zaara 2004
Artists: Shahrukh Khan, Preity Zinta