पापी पपीहा रे-परवाना १९४७
आप पपीहा हिट भी कह सकते हैं. गीत फिल्माया गया है
सुरैया ने जिन्होंने इसे परदे पर और परदे के पीछे दोनों ही
जगह गया है. इसे आप कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना हिट
भी कह सकते हैं. नायिका भेड़ों की तरफ देखते देखते पपीहा
शब्द बोल रही है. नायिका के अत्यधिक मुस्कुराने की वजह
हो सकती है ये. हो सकता है पपीहा बड़े परदे पर साफ़ दिखाई
देता हो और हमें ना दिखाई दे रहा हो.
पपीहा सिम्बलिक भी हो सकता है. एक जनाब बांसुरी बजा
रहे हैं गीत में, हो सकता है उनके लिए ये शब्द इस्तेमाल
किया गया हो. ‘बैरी हिट’ मैंने इसलिए नहीं कहा क्यूंकि मुझे
साउथ अफ्रीका के मशहूर क्रिकेटर बैरी रिचर्ड्स याद आ जाते
हैं जब भी ये शब्द सुनता हूँ.
गनीमत है गीत में नायिका ने पपीता नहीं खाया वरना इसे
जनता पपीता हिट कह डालती. क्या करें भाई, हमें श्रेणी बनाने
वालों ने मजबूर कर दिया है और गूगल भाई साहब भी कुछ
इनोवेटिव मसलों पर जल्दी गौर फ़रमाया करते हैं. सर्च पर
से एक दिन हमारा ब्लॉग हिमालय की छोटी चढ जाता है तो
दूसरे ही दिन ऐसे उतरता है जैसे कोई आर्ट फिल्म फटीचर
सिनेमा हॉल से २-३ दिन में गुम हो के लावारिस हो जाती है.
गीत सुनते हैं जिसे दीनानाथ मधोक ने लिखा है और इसकी
धुन बनाई है खुर्शीद अनवर ने.
गीत के बोल:
पापी पपीहा रे पी पी न बोल
बैरी पी पी न बोल
नन्ही सी जान मेरी सुन के न जाये डोल
पी पी न बोल बैरी पी पी न बोल
पापी पपीहा रे पी पी न बोल
बैरी पी पी न बोल
उन को ये घमण्ड है
मैं दो नैना मारी रे
मोहे मान इस बात पर के
मैं साजन की प्यारी रे
भेद हमारे जी के पिया पास नही खोल
पी पी न बोल बैरी पी पी न बोल
पापी पपीहा रे पी पी न बोल
बैरी पी पी न बोल
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Papi papeeha re-Parwana 1947
Artists: Suraiya