फूल बगिया में बुलबुल बोले-रानी रूपमती १९५७
लता और रफ़ी के युगल गीत सुने होंगे. सबसे ज्यादा रफ़ी-लता
के युगल गीत बनाये लक्ष्मी प्यारे ने, फिर शंकर जयकिशन का
नंबर आता है. तीसरे नंबर पर कल्याणी आनंदजी हैं और चौथे
नंबर पर नौशाद.
एस एन त्रिपाठी ने केवल ७ युगल गीत बनाये दोनों के मगर
उनमें से ३-४ बेहद लोकप्रिय हैं. जनम जनम के फेरे का गीत
हो या फिल्म नादिर शाह का गीत, पुराने गीतों के रसिकों को
आज भी याद हैं.
प्रस्तुत गीत भारत व्यास का लिखा हुआ है. इसे परदे पर गा
रहे हैं निरुप रॉय और भारत भूषण.
गीत के बोल:
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो जी हो
फूल बगिया में बुलबुल बोले
डाल पे बोले कोयलिया
प्यार करो
प्यार करो रुत प्यार की आई रे
भंवरों से कहती हैं कलियाँ
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
प्यार तो है तलवार की धार जी
प्यार की मुश्किल हैं गलियां
प्यार में राधा बांवरी बन गई
रटते रटते सांवलिया
जो प्यार करते जग से ना डरते
प्रेमी अगन में पलते हैं
दीपक के तन में लौ की लगन में
लाखों पतंगे जलते हैं
जाने करे कुर्बान हिरन जब
गीत की बाजे बंसुरिया
प्यार करो
प्यार करो रुत प्यार की आई रे
भंवरों से कहती हैं कलियाँ
प्यार में राधा बांवरी बन गयी
रटते रटते सांवलिया
कौन करेगा प्रीत यहाँ जब
कोई किसी का मीत नहीं
प्रीत भरा संगीत नहीं तो
प्यार की जग में जीत नहीं
तार बजे जब बीना के तब
प्यार की बाजे पायलिया
प्यार करो
प्यार करो रूत प्यार की आई रे
भंवरों से कहती हैं कलियाँ
प्यार में राधा बांवरी बन गयी
रटते रटते सांवलिया
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
हो जी हो हो जी हो
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Phool bagiya mein bulbul bole-Rani Roopmati 1957
Artists: Bharat Bhushan, Nirupa Rai