रात अकेली है-ज्वेल थीफ १९६७
निखरी. ओ पी के संगीत की अपनी विशेषताएं हैं और
बर्मन दादा की अपनी. कहा जाता है पंचम ने आशा को
ऐसे ऐसे गाने गाने को दिए कि उनका पूरा पोटेंशियल
परमेगनेट बाहर ला दिया. इस मामले में मेरा विचार
थोडा भिन्न है.
ज्वेल थीफ फिल्म का गीत कई ढेर सारे अलग-हट-के बने
गीतों पर भरी बैठता है. बर्मन दादा के अलावा जिस
संगीतकार ने वाकई वेराइटी दी आशा को वे हैं खय्याम
और संगीतकार रवि. उल्लेखनीय संगीत की बात की जा
रही है. बर्मन दादा की पहली पसंद तो लता ही रहीं.
फिर भी ऐसे गीतों के लिए उन्हें आशा भोंसले की आवाज़
की ज़रूरत पढ़ती ही थी.
आशा भोंसले सबसे ज्यादा गाने गाने वाली गायिका हैं और
उनके सबसे बढ़िया गीत चुनने बैठेंगे तो सूची में लगभग
२५०० गीत इकट्ठे हो जायेंगे. कम से कम ५० संगीतकारों
के नाम भी उस सूची में आपको मिल जायेंगे.
इस गीत को देख कर हमारे दिमाग में दो श्रेणियाँ आयीं थीं-
सरप्राइज़ सॉंग या उड़ गए तोते हिट. ऐसे गीत जिसमें
नायक भौंचक्का हो जाता हो, ऐसे कम होते हैं ना. तनूजा
ने इस गीत में काफी अच्छा नृत्य किया है.
गीत के बोल:
रात अकेली है बुझ गए दिये
आ के मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है बुझ गए दिये
आ के मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये
तुम आज मेरे लिये रुक जाओ रुत भी है फ़ुरसत भी है
तुम्हें ना हो ना सही मुझे तुमसे मुहब्बत है
तुम आज मेरे लिये रुक जाओ रुत भी है फ़ुरसत भी है
तुम्हें ना हो ना सही मुझे तुमसे मुहब्बत है
मुहब्बत की इजाज़त है तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है बुझ गए दिये
आ के मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये
सवाल बनी हुई दबी दबी उलझन सीनों में है
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनों में
ठनी है दो हसीनों में तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है बुझ गए दिये
आ के मेरे पास कानों में मेरे
जो भी चाहे कहिये जो भी चाहे कहिये
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Raat akeli hai-Jewel thief 1967
Artists: Tanuja, Dev Anand
