अंग से अंग लगाना सजन-डर १९९३
का नाम अंग्रेजी में पढ़ने पर डर्र सा लगता है. आनंद बक्षी की
कलम से निकले ढेर सारे होली गीतों में से ये भी एक लोकप्रिय
गीत है.
अलका याग्निक, सुदेश भोंसले और विनोद राठौड द्वारा गाये गए
इस गीत की धुन बनाई है शिव हरि की जोड़ी ने.
गीत के बोल:
जो जी में आए
अरे जो जी में आए तुम आज कर लो
चाहो जिसे इन बाँहो में भर लो
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
गालों से ये गाल लगा के नैनों से ये नैन मिला के
होली आज मनाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
ऊपर ऊपर रंग लगय्यो ना करियो कुछ नीचे
मोसे कुछ ना बोल खड़ी रे चुप से अँखियाँ मीचे
हो बच के पड़ोसन जाने ना पाए
जाये तो वापस आने ना पाए
जुल्मी ने ऐसे बाजू मरोड़ा
कजरा ना गजरा कुछ भी ना छोड़ा
रपट लिखा दो रपट लिखा दो थाने में
हम भर देंगे जुर्माना
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे
हो रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
भीगे भीगे तेरे बदन से जैसे शोले लपक रहे हैं
अपना रस्ता देख मुसाफिर तेरे नैना भटक रहे हैं
मैं भूला रास्ता रस्ते पे आ जा
मैं थाम लूं बैय्याँ मत छेड़ो सैयां
तुम दिल मत तोड़ो तुम आँचल छोड़ो
तुम काहे रूठी मेरी चूड़ी टूटी
दिल मेरा टूटा चल हट जा झूठा
तू नाच मैं गाऊं तू बैठ मैं जाऊं
मुश्किल है जाना तू है दीवाना
मुझे अंग लगा ले बस रंग लगा ले
नीला के पीला नीला न पीला
क्या लाल गुलाबी तू बोल ओ भाभी
चुटकी भर सिन्दूर मंगाकर इसकी मांग सजाना
हे अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
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Ang se ang lagana-Darr 1993
Artists: Various
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