Mar 20, 2017

हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा-मेरे सनम १९६५

कुछ गीत कभी कभी हम लोग बिना कारण गुनगुनाते
हैं. जब मैं छोटा था तब जब कभी भी इस गीत को
रेडुआ पर सुनता इसे काफी देर तक गुनगुनाता रहता,
बिना किसी ठोस वजह के और बिना किसी प्रयोजन के.
सुनने वालों को लगता इसे भूख लगी है, खाना दे दो.

इस गीत का प्रयोजन तो बाद में समझ आया जब हिंदी
फिल्मों का प्रयोजन समझ आने लगा. इसकी धुन कुछ
ऐसी है जो कैची कहलाती है. हाजी बाबा कुछ कुछ
हाँ जी बाबा जैसा सुनाई देता है. मजरूह साहब का गीत
है, वो क्या बुलवा दें, क्या सुनवा दें संगीतकारों को भी
नहीं मालूम होता था.



गीत के बोल:

हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
मेरे सनम से मेरा मिलने का वादा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
मेरे सनम से मेरा मिलने का वादा
हाजी बाबा हाजी बाबा

क्यूँ न दिखाऊँ जाने तमन्ना  जब हैं नज़र वाले
फिर न मिलेंगे साथ में इतने  दर्द-ए-जिगर वाले
क्यूँ न दिखाऊँ जाने तमन्ना  जब हैं नज़र वाले
फिर न मिलेंगे साथ में इतने  दर्द-ए-जिगर वाले

हे हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
मेरे सनम से मेरा मिलने का वादा हाय
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी बाबा हाजी बाबा

रंग जमा है मेरी अदाओं  की गुलकारी का
तोड़ दे जा के  आँख बचा के  जाल शिकारी का
रंग जमा है मेरी अदाओं  की गुलकारी का
तोड़ दे जा के  आँख बचा के  जाल शिकारी का
हे हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
मेरे सनम से मेरा मिलने का वादा हाय
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी हाजी हाजी अरे हाजी बाबा
हाजी बाबा हाजी बाबा
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Haji haji haji are haji baba-Mere sanam 1965

Artists: Biswajeet, Asha Parekh, Pran

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