भागे रे मन-चमेली २००४
चलायमान से केवल ये मतलब नहीं कि वो केवल चलेगा.
दौड़ने के लिए कोई दौडायमान शब्द नहीं है. घिसटने के
लिएभी यही शब्द इस्तेमाल होता है.
सुनते हैं फिल्म चमेली से एक गीत सुनिधि चौहान का गाया
हुआ. इसे इरशाद कामिल ने लिखा है और इसकी धुन बनाई है
सन्देश शांडिल्य ने.
गीत के बोल:
बहका है मन कहीं
कहाँ जानती नहीं
कोई रोक ले यहीं
भागे रे मन कहीं आगे रे मन
चला जाने किधर जानूं ना
हाँ चले ठँडी हवा
हाँ संग मन भी गया
ढूंढूं मैं कहाँ उसको
बतलाए कोई मुझको
के हाँ हाँ हाँ रे
भागे रे मन
हाँ हाय ऐसा समा
हूँ फिर होगा कहाँ
जी लूं मैं इसे खुल के
सावन में ज़रा घुल के
अरे सुन सुन सुन
भागे रे मन
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Bhage re man-Chameli 2004
Artists: Rahul Bose, Kareena Kapoor
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