चित नंदन आगे नाचूंगी-दो कलियाँ १९६८
होता है उसे सुन के मन प्रफुल्लित, हर्षित और ना जाने
क्या क्या होने लगता है. ऐसा मैंने कई लोगों के मुंह से
सुना.
साहिर के बोल हैं और रवि का संगीत. आशा भोंसले के
अलावा एक और आवाज़ है गीत में.
गीत के बोल:
ता थई थई तत ता थई थई तत
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चित नंदन आगे नाचूंगी
चित नंदन आगे नाचूंगी
चित नंदन आगे नाचूंगी
चित नंदन आगे नाचूंगी
नाच नाच पिया रसिक रिझाऊं
नाच नाच पिया रसिक रिझाऊं
प्रेमी जन को जांचूंगी
चित नंदन आगे नाचूंगी
चित नंदन आगे नाचूंगी
आगे के बोल सुन के समझ लें
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Chit nandan aage nachoongi-Do kaliyan 1968
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