घूंघरवा मोरा छम छम बाजे-जिंदगी १९६४
पर फिल्माया गया है. ये है सन १९६४ की फिल्म जिंदगी
से. गीत में तरह तरह की ध्वनियों का प्रयोग हुआ है.
शुरू के संगीत से अनुमान लगा पाना कठिन है कि आगे
कैसा गीत आएगा. शंकर जयकिशन के संगीत में आपको
ऐसे अजूबे खूब मिलेंगे.
हसरत जयपुरी का लिखा गीत है जिसे रफ़ी और आशा ने
गाया है.
गीत के बोल:
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
आँखों ने आँखों से मस्ती चुराई
आँखों ने आँखों से मस्ती चुराई
बहके कदम और नज़र लडखडाई
बहके कदम और नज़र लडखडाई
मन के सिंहासन पर तू ही विराजे हो तू ही विराजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
चाहत बिना जिंदगी है अधूरी
चाहत बिना जिंदगी है अधूरी
तू नहीं समझे गवालन की छोरी
तू नहीं समझे गवालन की छोरी
राधा को साजे तो मोहन ही साजे हो मोहन ही साजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
छम छम की धुन पर जिया मोरा नाचे
घूंघरवा मोरा छम छम बाजे
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Ghoongharwa mora chham chham baaje-Zindagi 1964
Artists: Helen, Mehmood
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