हम दिल का कँवल देंगे-जिंदगी १९६४
है. शैलेन्द्र का गीत है और शंकर जयकिशन का
संगीत. इसे लता मंगेशकर और मन्ना डे ने गाया
है.
फिल्म जिंदगी में दो ऐसे गीत हैं जिनमें तुरही की
आवाज़ सुनाई देती है, एक तो यही है दूसरा आपको
फिर कभी सुनवायेंगे.
गीत के बोल:
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
सागर में कहीं ज्यों एक मोती
जैसे चंदा कई सितारों में
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
ये रूप-रंग की फुलवारी
उसके ही लिए ये फूल खिले
सब कुछ देना है सौंप उसे
जिस दिन जिस पल वो आन मिले
बागों में उसी के चर्चे हैं
है उसकी बात बहारों में
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
किसने दिल जीता ताक़त से
चाहत कब आग से डरती है
नादान शिकारी क्या जाने
हिरनी किस राग पे मरती है
तलवार का ज़ोर नहीं चलता
हो जाती है बात इशारों में
तलवार का ज़ोर नहीं चलता
हो जाती है बात इशारों में
हम दिल का कँवल देंगे जिसको
होगा कोई एक हज़ारों में
सागर में कहीं ज्यों एक मोती
जैसे चंदा कई सितारों में
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Ham dil ka kanwal denge-Zindagi 1964
Artists: Raj Kumar, Vaijayantimala
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