जय जय शिव शंकर-आप की कसम १९७४
फिल्म का एक गीत जिसमें महादेव को याद करते
हुए नायक नायिका गा रहे हैं काफी बजता है होली
के अवसर पर आज भी.
भजन और रोमांटिक गीत के इस मिश्रण को क्या
कहा जाए मुझे आज तक समझ नहीं आया. इसे
लिखा है आनंद बक्षी ने और इसकी धुन बनाई है
आर डी बर्मन ने. किशोर और लता ने इसे गाया
है.
गीत के बोल:
होय जय बोलो शिव शंकर की जय
हे जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
के प्याला तेरे नाम का पिया
ओ गिर जाऊँगी मैं मर जाऊँगी
जो तूने मुझे थाम ना लिया
ओ सौं रब दी
हे जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
के प्याला तेरे नाम का पिया
ओ गिर जाऊँगी मैं मर जाऊँगी
जो तूने मुझे थाम ना लिया
ओ सौं रब दी
एक के दो दो के चार मुझको तो दिखते हैं
ऐसा ही होता है जब दो दिल मिलते हैं
एक के दो दो के चार मुझको तो दिखते हैं
ऐसा ही होता है जब दो दिल मिलते हैं
सर पे ज़मीं पाँव के नीचे है आसमां हो
हो सौं रब दी सौं रब दी
सौं रब दी सौं रब दी
जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
के प्याला तेरे नाम का पिया
हो ओ गिर जाऊँगी मैं मर जाऊँगी
जो तूने मुझे थाम ना लिया
ओ सौं रब दी
ओ बंसी भैया..........
कंधे पे सर रख के तुम मुझको सोने दो
मस्ती में जो चाहे हो जाये होने दो
कंधे पे सर रख के तुम मुझको सोने दो
मस्ती में जो चाहे हो जाये होने दो
ऐसे में तुम हो गये हो बड़े बेईमान हो
सौं रब दी सौं रब दी
सौं रब दी सौं रब दी
जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
के प्याला तेरे नाम का पिया
हो ओ गिर जाऊँगी मैं मर जाऊँगी
जो तूने मुझे थाम ना लिया
ओ सौं रब दी
रस्ते में हम दोनों घर कैसे जायेंगे
घर वाले अब हमको खुद लेने आयेंगे
रस्ते में हम दोनों घर कैसे जायेंगे
घर वाले अब हमको खुद लेने आयेंगे
कुछ भी हो लेकिन मज़ा आ गया मेरी जां हो
सौं रब दी सौं रब दी
सौं रब दी सौं रब दी
जय जय शिव शंकर काँटा लागे न कंकर
के प्याला तेरे नाम का पिया
हो गिर जाऊँगी मैं मर जाऊँगी
जो तूने मुझे थाम ना लिया
हो सौं रब दी
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Jai jai Shiv Shankar-Aap ki kasam 1974
Artists: Rajesh Khanna, Mumtaz
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