सुभान अल्लाह हाय-कश्मीर की कली १९६४
वर्ष: १९६४
गीतकार: शमशुल हुदा बिहारी
गायक: रफ़ी
संगीत: ओ पी नैयर
गीत के बोल:
सुभान अल्लाह हाय
हंसीं चेहरा हाय
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
तुम्हें देखा हाय
तो दिल बोला हाय
तुम्हें देखा तो दिल बोला
कि तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
करे पूजा ज़माना जिसकी वो तस्वीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
मिला करती है जन्नत जिससे वो तक़दीर हो तुम
क़मर पतली हाय
नज़र बिजली हाय
क़मर पतली नज़र बिजली
है ज़ुल्फ़ें या घटाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
न जाने किसकी क़िस्मत में है मुखड़ा चाँद सा ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
न जाने किसके घर चमकेगा टुकड़ा चाँद का ये
इजाज़त हो हाय
तो फिर हम भी हाय
इजाज़त हो तो फिर हम भी
मुक़द्दर आज़माएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
बड़ी हसरत से तुमको देखता है ये ज़माना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
सुनाना चाहता है हर कोई अपना फ़साना
कोई दिल हो हाय
कोई महफ़िल हाय
कोई दिल हो कोई महफ़िल
जहाँ भी आप जाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
सुभान अल्लाह हसीं चेहरा
ये मस्ताना अदाएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
तुम्हें देखा तो दिल बोला
कि तुमको दूँ दुआएँ
ख़ुदा महफ़ूज़ रखे हर बला से
हर बला से
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Subhan Allah haaye-Kashmir ki kali 1964
Artists: Shammi Kapoor, Sharmila Tagore
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