ऐ मेरे हमसफ़र-छबीली १९६०
मिल जायेगी. फिल्म छबीली में उनका गाया एकल गीत
भी है जो हम आज सुनेंगे.
एस रतन ने इसके बोल लिखे हैं और स्नेहल भाटकर ने
इसकी धुन बनाई है.
गीत के बोल:
ऐ मेरे हमसफ़र
ले रोक अपनी नज़र
न देख इस क़दर
ये दिल है बड़ा बेसबर
ऐ मेरे हमसफ़र
चाँद तारों से पूछ ले
या किनारों से पूछ ले
दिल के मारों से पूछ ले
क्या हो रहा है असर
ले रोक अपनी नज़र
मुस्कुराती है चाँदनी
छाई जाती है ख़ामोशी
गुनगुनाती है ज़िंदगी
ऐसे में हो कैसे गुज़र
ले रोक अपनी नज़र
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Ae mere hamsafar-Chhabili 1960
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