May 14, 2017

ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना-बाजार १९४९

पुराने ज़माने से एक लता और रफ़ी का गाया युगल गीत सुनते
हैं. फिल्म बाजार के लिए इस गीत को लिखा कमर जलालाबादी
ने और धुन तैयार की श्याम सुन्दर ने.

श्याम सुन्दर के संगीत वाली ये एक लोकप्रिय फिल्म है जिसके
अधिकाँश गीत उस समय लोकप्रिय थे. 



गीत के बोल:

ऐ मुहब्बत उनसे मिलने
ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना बन गया
तुमने देखा  हमने देखा 
तुमने देखा  हमने देखा  इक फ़साना बन गया
ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना बन गया

आपकी मीठी नज़र के तीर कैसे तीर हैं
आपकी मीठी नज़र के तीर कैसे तीर हैं
तीर चलने भी न पाये 
तीर चलने भी न पाये  दिल निशाना बन गया
ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना बन गया

दिल ने पहली ही नज़र में कर लिया कुछ ऐतमाद
दिल ने पहली ही नज़र में कर लिया कुछ ऐतमाद
साज़ छेड़ा भी नहीं और
साज़ छेड़ा भी नहीं और एक तराना बन गया
ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना बन गया

नज़रें मिलने भी न पाईं  तुम नज़र में आ बसे
नज़रें मिलने भी न पाईं  तुम नज़र में आ बसे
तिनके ढूँढे भी नहीं और
तिनके ढूँढे भी नहीं और आशियाना बन गया
ऐ मुहब्बत उनसे मिलने का बहाना बन गया
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Ae mohabbat unse milne ka bahana-Bazaar  1949

Artists: Shyam, Nigar Sultana

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