बहे अंखियों से धार-हम लोग १९५१
फिल्म हम लोग से. इस फिल्म का नाम याद दिलाने में एक
टेली सीरियल हम लोग की बड़ी भूमिका है. उस सीरियल का
नाम याद आते ही ये फिल्म भी याद आ जाती है.
गीत श्यामा पर फिल्माया गया है. श्यामा को हम लोगों ने परदे
पर हँसते ज्यादा देखा है. इस गीत में उन्हें दुखी दिखाया गया है
मगर लाईटिंग इफेक्ट उम्दा होने की वजह से और कुछ काजल
ज्यादा लगा होने की वजह से नायिका भूतिया फिल्म की कोई
कैरेक्टर नज़र आ रही है. दुःख और गुस्से दोनों के मिक्स किस्म
के भाव परदे पर उभरते हैं.
गीत उद्धव कुमार ने लिखा है और धुन बनाई है रोशन ने.
गीत के बोल:
बहे अंखियों से धार जिया मेरा बेकरार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
बहे अंखियों से धार जिया मेरा बेकरार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
ओ साथी मेरी तकदीर के तुम्हें कैसे दिखाऊँ दिल चीर के
ओ साथी मेरी तकदीर के तुम्हें कैसे दिखाऊँ दिल चीर के
मेरा पहला पहला प्यार मेरी पहली पहली हार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
मेरी दुनिया तो है बरबाद ही लेते जाओ तुम अपनी याद भी
मेरी दुनिया तो है बरबाद ही लेते जाओ तुम अपनी याद भी
दिल में आंसुओं के हार करूं तुमसे पुकार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
जब नज़रें किसी को ना पाएंगी मोसे रतियाँ गुजारी ना जाएँगी
ले के दिल में इंतज़ार कैसे बीतेगी बहार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
बहे अंखियों से धार जिया मेरा बेकरार
सुनो सुनो दिलदार जाओगे कहाँ दिल तोड़ के दिल तोड़ के
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Bahe abkhiyon se dhaar-Hum log 1951
Artists: Shyama
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