बांकी अदाएं देखना-अमानत १९५५
सन १९५५ में बनी थी. गीता दत्त की आवाज़ है और इसका संगीत
सलिल चौधरी ने तैयार किया है. इस गीत को शैलेन्द्र ने लिखा है.
शैलेन्द्र ने सलिल के लिए काफी गीत लिखे हैं. दोनों की टीम वाले
मधुमति के गीत काफी लोकप्रिय हैं. ये थोडा कम सुना गया गीत है
और फिल्म भी थोड़ी कम देखी गयी है.
कुछ अनूठे गीतों में से एक जिसमें अंतरे की पंक्तियाँ दोहराईं गयी
हैं. गीत में आपको भारत भूषण और चाँद उस्मानी दिखाई देंगे
उसके अलावा एक नायिका और है जो गीत गा रही है, पहचानिये
उसे.
गीत के बोल:
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
कहने को भोली नज़र है
मीठा मीठा ये ज़हर है
कहने को भोली नज़र है
मीठा मीठा ये ज़हर है
धोखा ना खाना दिल ना गंवाना
धोखा ना खाना दिल ना गंवाना
देखो जी रहना बच के बच के बच के
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
रूप को धूप दिखाने से
आता है चोर बुलाने से
रूप को धूप दिखाने से
आता है चोर बुलाने से
दिल का खज़ाना यूँ ना लुटाना
दिल का खज़ाना यूँ ना लुटाना
देखो जी रहना बच के बच के बच के
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
जो ना मानोगे मेरी बात को
तारे गिनोगे आधी रात को
जो ना मानोगे मेरी बात को
तारे गिनोगे आधी रात को
ये अनजाना रोग पुराना
ये अनजाना रोग पुराना
देखो जी रहना बच के बच के बच के
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
कहने को भोली नज़र है
मीठा मीठा ये ज़हर है
कहने को भोली नज़र है
मीठा मीठा ये ज़हर है
धोखा ना खाना दिल ना गंवाना
धोखा ना खाना दिल ना गंवाना
देखो जी रहना बच के बच के बच के
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
बांकी अदाएं देखना जी देखना
दिल ना चुराए देखना जी
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Banki adayen dekhna-Amanat 1955
Artists: Chand Usmani, Bharat Bhooshan, ??
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आशा माथुर
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