बीता हुआ इक सावन-शोखियाँ १९५१
सहायक के रूप में बीता. कुछ फिल्मों में उन्होंने बतौर
स्वतंत्र संगीतकार संगीत दिया उनमें से एक है शोखियाँ.
इस फिल्म में सुरैया नायिका हैं.
इस फिल्म से सुनते हैं लता का गाया गीत जिसे लिखा
है केदार शर्मा ने. फिल्म में इस गीत को जगह ना मिल
सकी और इसे काफी बाद में एक टेलीफिल्म में प्रयोग
किया गया ८० के दशक में. लता मंगेशकर ने इतना
रुक रुक के कभी कोई गज़ल भी नहीं गाई होगी
गीत के बोल:
बीता हुआ इक सावन इक याद तुम्हारी
बीता हुआ इक सावन इक याद तुम्हारी
ले दे के ये दो बातें दुनिया है हमारी
बीता हुआ इक सावन
मजबूर बहुत दूर ये तक़दीर के खेते
आराम से सोये न कभी चैन से लेटे
न कभी चैन से लेटे
आँखों में कटी जब भी कटी रात हमारी
ले दे के ये दो बातें दुनिया है हमारी
बीता हुआ इक सावन
इक बार बरसने दो बरसती हैं घटाएँ
हम रोते हैं दिन रात बता किसको बताएँ
बता किसको बताएँ
हँसती है हमें देख के तक़दीर हमारी
ले दे के ये दो बातें दुनिया है हमारी
बीता हुआ इक सावन
भर पाये मुहब्बत से दिल टूट गया है
तू रूठा तो ले सारा जहाँ रूठ गया है
ये जहाँ रूठ गया है
इक साथ दिये जाती है ये ठेस हमारी
ले दे के ये दो बातें दुनिया है हमारी
बीता हुआ इक सावन
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Beeta hua ek sawan-Shokhiyan 1951
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