चेत चेत कर चल रे चतुर नर-आशा १९४८
गाया एक मधुर गीत सुनते हैं. किसी एल मेघानी साहब
ने इसे लिखा है.
यूट्यूब के विवरण-ससुर नर पर ना जाएँ. ये तो अपलोड
करने वाले ने हास्य का पुट दे दिया है.
गीत के बोल:
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
चेत चेत कर
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
ये मार्ग अनजाना है
क्या जाने
क्या जाने कल फिर किस किस को
कौन देश में जाना है
कौन देश में जाना है
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
चेत चेत कर
भूले हैं बस इसी फेर में
आ आ के कितने कितने
पता अभी तक नहीं किसी का
खोए गए सब से जितने
इस चक्कर में आए तो
फिर बच कर कहीं ना जाना है
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
चेत चेत कर
अभी सँभल जाओ रुक जाओ
समय आज भी है बाक़ी
कल फिर दूर निकल जाओगे
हाथ रहेगी न बाज़ी
जीते जी इस विघट बाट में
नाहक तू मिट जाना है
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
चेत चेत कर
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
ये मार्ग अनजाना है
क्या जाने
क्या जाने कल फिर किस किस को
कौन देश में जाना है
कौन देश में जाना है
चेत चेत कर चल रे चतुर नर
चेत चेत कर
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Chet chet kar chal re-Asha 1948
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