गले मिल लो ओ दीवानों-आमने सामने १९८२
वाली जिसमें कल्याणजी आनंदजी का संगीत है. दूसरी फिल्म
आई सन १९८२ में मिथुन वाली जिसका गीत आज आप सुनेंगे.
गीत आनंद बक्षी का है, इसे आशा भोंसले ने आर डी बर्मन के
संगीत निर्देशन में गाया है.
गीत के बोल:
मेरी पिस्तौल की किसी भी एक गोली पर
कोई पैगाम लिखा है
तुम्हारा नाम लिखा है
गले मिल लो
हो गले मिल लो ओ दीवानों जुदा होने का वक्त आया
गले मिल लो ओ दीवानों जुदा होने का वक्त आया
तुम्हारे मेहरबानों के खफा होने का वक्त आया
गले मिल लो हो हो हो हो
तुम्हारी दिल्लगी तौबा
बनी दिल की लगी तौबा
कहा करते थे तुम अक्सर
मेरी जान मैं फ़िदा तुम पर
मेरी जान मैं फ़िदा तुम पर
मुबारक हो मुबारक हो फ़िदा होने का वक्त आया
गले मिल लो ओ दीवानों जुदा होने का वक्त आया
गले मिल लो हो हो हो हो
सरे तसलीम ख़म कर दूं
कहो तकलीफ कम कर दूं
मुझे हमदर्द मत समझो
मगर बेदर्द मत समझो
मगर बेदर्द मत समझो
तुम्हारे सारे दर्दों की दवा होने का वक्त आया
गले मिल लो ओ दीवानों जुदा होने का वक्त आया
गले मिल लो हो हो हो हो
ज़रा दिल साफ़ कर देना
हमें तुम माफ कर देना
तुम्हारी मौत का गम है
वफ़ा में फायदा कम है
वफ़ा में फायदा कम है
मोहब्बत में हमारे बेवफा होने का वक्त आया
गले मिल लो ओ दीवानों जुदा होने का वक्त आया
गले मिल लो हो हो हो हो
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Gale mil lo o deewano-Aamne samne
Artist: Maloom nahin
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