May 26, 2017

घिर घिर आई कारी बदरिया-शगूफा १९५३

काली बदरिया छाने का मौसम आने वाला है शीघ्र ही. अगर
मानसून सही समय पर आया तो काली बदरिया भी सही
समय पर घिर घिर आएँगी.

फिल्म:शगूफा
वर्ष:१९५३
गीतकार:राजेंद्र कृष्ण
गायिका:लता मंगेशकर
संगीतकार: सी रामचंद्र



गीत के बोल:

घिर घिर आई कारी बंदरिया
देर लगायी मेरी याद न आयी
घर आ जा आ जा
घर आ जा सांवरिया

दरस बिना मेरी अँखियाँ प्यासी
नीस दिन बाट टके तेरी दासी
छायी है उदासी प्यास बुझा जा आ जा
छायी है उदासी प्यास बुझा जा आ जा
तोहे ढूंढें नज़रिया आ जा
घर आजा सांवरिया
घिर घिर आई

बीतत नाहीं दिन जिया नाहीं लागे
अंखीयों से निंदिया दूर दूर भागे
बिनती करूं मैं दरस दिखा जा आ जा
बिनती करूं मैं दरस दिखा जा आ जा
ले ले मेरी खबरिया आ जा आ जा
घर आ जा सांवरिया
घिर घिर आई
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Ghir ghir aayi-Shagufa 1953

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